नई दिल्ली (New Delhi.)। उड़ीसा में कोरोमंडल ट्रेन हादसे (coromandal train accident) की चल रही जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। रेलवे बोर्ड ने ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर कहा कि सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) हादसे का शिकार हुई थी, जबकि मालगाड़ी लूप लाइन (freight train loop line) में खड़ी थी, हालांकि जब तक पूरी जांच होने के बाद रिपोर्ट तैयार नहीं होती तब तक असली वजह के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। जांच में शामिल एक सीनियर रेलवे इंजीनियर का कहना है कि मालगाड़ी से टकराने से पहले ही ट्रेन पटरी से उतर गई थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सिग्नल देने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी।
इंजीनियर जॉइंट इंस्पेक्शन रिपोर्ट बनाने में शामिल थे। इंस्पेक्शन रिपोर्ट में कहा गया था कि सिग्नल फेल्योर हुआ था जबकि इंजीनियर का कहना है कि डेटालॉगर रिपोर्ट बताती है कि सिग्नल लूप लाइन की ओर नहीं बल्कि मेल लाइन की ओर ही था। रेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अगर अलग-अलग विभागों में मतभेद है तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। शुरुआती जांच में ऐसा होता है। सबके मत अलग होते हैं।
बता दें कि डेटालॉगर एक माइक्रोप्रोसेसर बेस्ड सिस्डम होता है जो कि रेलवे के सिग्नलिंग सिस्टम को मॉनिटर करता है। यह डेटा को स्कैन, स्टोर और प्रोॉसेस कर सकता है और इसकी मदद से रिपोर्ट तैयार की जा सकती है। सिग्नल्स ऐंड कम्युनिकेशन बालासोर के सीनियर सेक्शन इंजीनियर एक महंता ने अपने सिंगल पेज नोट में अन्य लोगों से अलग विचार रखे।
जॉइंट इंस्पेक्शन रिपोर्ट में कहा गया है कि पॉइंट नंबर 17A लूप लाइन की ओर सेट था। इसे रिवर्स कंडीशन कहते हैं। वहीं अगर यह नॉर्मल होता तो पॉइंट मेन लाइन की ओर सेट होता। रिपोर्ट में कहा गया कि पॉइंट 17 ए से ही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन की ओर चली गई। वहां महंता का कहना है कि वह इस बात से सहमत नहीं हैं कि पॉइंट लूप लाइन की ओर सेट था। उनका कहना है कि ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद यह लूप लाइन की ओर सेट हुआ होगा।
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