नई दिल्ली। देश का पाम तेल आयात (country’s palm oil imports) मई में 33.20 फीसदी गिरकर (down 33.20 percent) 5,14,022 टन (reached 5,14,022 tonnes) पर पहुंच गया है। एक साल पहले इसी महीने में यह 7.69 लाख टन था। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने बताया कि इस दौरान आरबीडी पामोलीन तेल का आयात बढ़ गया।
भारत वनस्पति तेल खरीदने वाला दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है। इसने कहा कि मई में कुल वनस्पति तेल का आयात घटकर 10.05 लाख टन रह गया जो एक साल पहले इसी अवधि में 12.13 लाख टन था। इंडोनेशिया ने 23 मई से पाम तेल के निर्यात पर रोक हटाने का फैसला किया और साथ ही उसने निर्यात कर में भी कमी की थी। इससे इंडोनेशिया से निर्यात बढ़ने की संभावना है।
50 फीसदी पाम तेल की हिस्सेदारी
देश के वनस्पति तेल के आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी 50 फीसदी है। पाम तेल उत्पादों में कच्चे पाम तेल का आयात घटकर 4.09 लाख टन हो गया जो एक साल पहले 7.55 लाख टन था। सोयाबीन तेल का आयात इस साल मई में 3.73 लाख टन था जो एक साल पहले 2.67 लाख टन था। सूर्यमुखी तेल का आयात इसी अवधि में 1.75 लाख टन की तुलना में घटकर 1.18 लाख टन पर आ गया।
4.84 लाख टन रहने की उम्मीद
एसईए ने कहा कि खाने के तेल का भंडार एक जून तक 4.84 लाख टन रहने की उम्मीद है। जबकि 17.65 लाख टन पाइपलाइन में है। भारत पाम तेल का आयात मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलयेशिया से करता है। थोड़ा बहुत यह अर्जेंटीना से भी मंगाता है। सूर्यमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आता है।