देश भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

भोपाल के सभी चर्चों में मनाया गया पाम संडे

भोपाल। ईसाई समुदाय (Christian community) इन दिनों 40 दिनों के उपवास काल में हैं जो ईस्टर तक चलेगा। पाम संडे (palm sunday) के बाद विभिन्न अवसरों के क्रम में, पवित्र गुरुवार को शिष्यों के पैर धोना और गुड फ्राइडे येशु मसीह की मृत्यु और अंत में ईस्टर संडे को येशु के पुनरुत्थान का उत्सव है।

पवित्र सप्ताह का पहला दिन माना जाने वाला पाम संडे या खजूर रविवार भोपाल के सभी चर्चों में उत्साहपूर्वक मनाया गया। पाम संडे वह दिन था जब येशु ने येरूशलेम में प्रवेश किया था, जिसके बाद से उन्हें मानवता को उनके पापों से बचाने के लिए दुखभोग और मृत्यू का सामना करना पड़ा। भीड़ ने जैतून की डालियों को लहराते हुए और उनकी शाखाओं और वस्त्रों से मार्ग को ढंकते हुए प्रभु येशु का भव्य स्वागत किया था।



ईसाई समुदाय ने भोपाल में ख़जूर रविवार के दिन विशेष प्रार्थना की और इस पर्व को भक्तिभाव से मनाया । शहर के विभिन्न चर्चों में उत्सव सुबह 8 बजे चर्च परिसर में श्ऱद्धालुओं की भीड़ के साथ शुरू हुआ। खजूर की डालियों को पकड़कर होसन्ना गाते हुए जुलूस की शक्ल में चर्च में लोगों ने प्रवेश किया। इस जुलूस के बाद चर्च में पवित्र पूजन विधि और बाईबिल पठन के साथ उत्सव संपन्न हुआ।
आर्चबिशप ए.ए.एस. दुरईराज ने सेवा सदन, तुलसी नगर स्थित कैथोलिक चर्च में अपने उपदेश में कहाः उस समय रोमन सम्राटों ने घोड़ों पर बैठकर लोगों के सामने शक्ति प्रदर्शन किया जबकि येशु एक साधारण से गधे पर बैठकर विनम्रता के साथ लोगों के बीच से गुजरे। येशु बिना सांसारिक प्राक्रम के शक्तिहीन राजा था जबकि रोमन शासक सांसारिक वैभव वाले ताकतवार राजा थे। येशु शक्तिहीनता में शक्तिशाली का प्रतीक है। आर्चबिशप ने लोगों से कहा कि वे सांसारिक शक्तियों की तलाश न करें बल्कि शांति के राजा बनें।

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