नई दिल्ली। संसद की एक स्थायी समिति ने एक समान दत्तक ग्रहण कानून बनाने की सिफारिश की है। भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय संबंधी समिति ने सोमवार को संसद में इस संबंध में रिपोर्ट पेश की।
समिति ने रिपोर्ट में कहा कि हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम (एचएएमए) और किशोर न्यायालय (जेजे) अधिनियम में अपनी-अपनी खूबियां और कमियां हैं। लिहाजा, गोद लेने और संरक्षक बनने (गार्डियनशीप) के लिए एक सर्व-समावेशी और व्यापक कानूनों बनाने व गोद लेने की एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनाने की जरूरत है।
पहले समान लैंगिक विवाह को देनी होगी मान्यता
एनजीओ से जुड़ी तारा नरूला कहती हैं, संसदीय समिति की सिफारिशें प्रगतिशील हैं। लेकिन, यहां असल मुद्दा एलजीबीटीक्यू के विवाह को मान्यता देना है। 2018 में देश में समलैंगिकता का गैर-अपराधिकरण कर दिया गया था, लेकिन समान लैंगिक विवाह को अब भी मान्यता नहीं दी गई है।