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संसद की विभाग संबंधी स्थायी समितियों का पुनर्गठन, जानें राहुल गांधी को क्‍या मिला

नई दिल्ली। संसद की विभाग संबंधी स्थायी समितियों का पुनर्गठन (Reconstitution of Departmental Standing Committees) किया गया है। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू (Rajya Sabha Chairman Venkaiah Naidu) ने सदन के 237 सदस्यों को नामित किया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 50 सदस्यों को नई समितियों के लिए नामित किया गया है। जिन प्रमुख सांसदों की समितियों में बदलाव हुआ है, उनमें सुशील मोदी, छाया वर्मा, मनोज कुमार झा, शक्ति सिंह गोहिल, सस्मित पात्रा, अभिषेक मनु सिंघवी, डेरेक ओ ब्रायन, इंदुबाला गोस्वामी, मौसम नूर और एमसी मैरीकॉम शामिल हैं।
संसद की विभाग संबंधी विभिन्न स्थायी समितियों के पुनर्गठन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) पहले की तरह रक्षा संबंधी स्थायी समिति(Standing Committee on Defense) में ही रहेंगे। इस समिति में राकांपा नेता शरद पवार भी हैं। रक्षा संबंधी समिति के अध्यक्ष जुएल ओराम हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटने के बाद रविशंकर प्रसाद वित्त संबंधी स्थायी समिति के सदस्य होंगे। इस समिति में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी हैं। समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा हैं। प्रकाश जावड़ेकर विदेश संबंधी स्थायी समिति के सदस्य होंगे। इस समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी हैं। गौरतलब है कि स्थायी समिति में लोकसभा के बीस और राज्यसभा के 11 सांसद शामिल होते हैं।



राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, नायडू ने वर्ष 2021 में संसद की 24 विभिन्न स्थायी समितियों के लिए राज्यसभा के 237 सदस्यों को नामित किया है। जिन सदस्यों की समितियों में बदलाव किया गया है, उनमें बीते वर्ष 2020-21 की समितियों की बैठकों में कम उपस्थिति वाले 28 सांसद शामिल हैं। इन 28 सदस्यों में 12 की उपस्थिति शून्य थी। नायडू समितियों की बैठकों में उपस्थिति पर खासा जोर दे रहे हैं। उन्होंने सभी दलों को इस बारे में सुझाव भी दिए थे। सूत्रों के अनुसार, उपस्थिति के आधार पर और भी बदलाव हो सकते थे, लेकिन कुछ नेताओं ने कहा कि बीते साल कोविड-19 व राज्यों के चुनाव के कारण उपस्थिति कम रही है। इन सुझावों में समय लगा। इसलिए इस साल समितियों के पुनर्गठन में कुछ देरी हुई है।
दरअसल, राज्य सभा सचिवालय ने सभी दलों को उपस्थिति के आंकड़े भेजे थे। उनसे पुनर्विचार करने को कहा था। समितियों के पुनर्गठन में जो प्रमुख बदलाव हुए हैं, उनमें सुशील मोदी को विज्ञान तकनीकी और शहरी विकास समिति से कार्मिक लोक शिकायत और कानून व न्याय संबंधी समिति में भेजा गया है। वह इन समितियों के अध्यक्ष भी होंगे। इसके पहले भूपेंद्र यादव इन समितियों के अध्यक्ष थे, लेकिन उनके मंत्री बनने के बाद यह पद रिक्त हुआ है।
छाया वर्मा को कृषि से सामाजिक न्याय और अधिकारिता में, मनोज कुमार झा को रेलवे से श्रम, शक्ति सिंह गोहिल को आईटी से परिवहन, सस्मित पात्रा को शिक्षा से कार्मिक लोक शिकायत, अभिषेक मनु सिंघवी को रक्षा से गृह, डेरेक ओ ब्रायन को परिवहन से गृह, इंदुबाला गोस्वामी को स्वास्थ्य से विज्ञान और तकनीकी समिति, मौसम नूर को वाणिज्य से जल संसाधन और एमसी मैरीकॉम को खाद्य से शहरी विकास संबंधी समिति में सदस्य बनाया गया है।
हालांकि, इनमें कई सदस्यों की पिछली समितियों की बैठकों में अच्छी उपस्थिति दर्ज की गई थी। सूत्रों के अनुसार भाजपा के नौ, तृणमूल कांग्रेस के छह, कांग्रेस के चार, शिवसेना, माकपा, राजद, वाईएसआरसीपी के तीन-तीन, द्रमुक, बीजेडी, टीआरएस के दो-दो और अन्य दलों के एक-एक सदस्यों की समितियों में बदलाव किया गया है। शिवसेना के सभी तीन सदस्य अब नई समितियों में होंगे।

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