डायबिटीज एक जीवन शैली से जुड़ा रोग है। इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को अपने दिनचर्या का खास ख्याल रखना पड़ता है। शारीरिक सक्रियता, व्यायाम और स्वस्थ खानपान ही शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए, तो ये आपके दिल, आंख और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
कई फूड आइटम्स ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करते हैं, इसलिए मरीजों को कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिए। पौष्टिक गुणों से भरपूर अनानास भी मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक है।
अनानास है खतरनाक:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादा कार्बोहाइड्रेट अथवा हाइपर ग्लाइसेमिक फूड के सेवन से मधुमेह रोगियों को बचना चाहिए। अनानास में ग्लाइसेमिक इंडेक्स का स्तर मध्यम होता है, ऐसे में इसके सेवन से बचना चाहिए। ताजा अनानास का जीआई 59 के करीब होता है। इसके अधिक सेवन से ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। माना जाता है कि जिन खाद्य पदार्थों का जीआई 55 से अधिक होता है, उन्हें खाने से बेहद तेजी से खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।
इतना खाने में नहीं है परेशानी:
यूं तो डायबिटीज के मरीजों को अनानास के सेवन से बचना चाहिए। लेकिन ताजे फल की तुलना में अनानास के जूस का सेवन अधिक हानिकारक हो सकता है। ऐसे में मरीज चाहें तो पाइनएप्पल के टुकड़ों का सेवन कर सकते हैं, जबकि उन्हें अनानास का जूस पीने से बचना चाहिए। बता दें कि एक गिलास जूस तैयार करने के लिए ज्यादा अनानास की जरूरत होती है जिससे बॉडी में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक दोपहर के समय केवल 100 ग्राम अनानास खाने से भी लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जानिये अनानास के फायदे:
फैटी लिवर की परेशानी या फिर किडनी रोग को दूर करने में अनानास को सहायक माना जाता है। अनानास में मौजूद तत्व ब्रोमेलिन लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। ये एंजाइम शरीर में पाए जाने वाले टॉक्सिन पदार्थों को बाहर निकालता है। इससे डाइजेशन की प्रक्रिया मजबूत होती है और लिवर लंबे समय तक स्वस्थ रहता है। पाइनएप्पल में विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो इम्युनिटी बढ़ाने में भी कारगर है।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी होने की स्थिति हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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