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समरकंद में होगी PM मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात! सीमा विवाद पर हो सकती है चर्चा

नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के समरकंद (Samarkand) में दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन (Shanghai Cooperation Organization (SCO) summit) गुरुवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और चीनी राष्ट्रपति शी शिनपिंग (Chinese President Xi Xinping) के बीच होने वाली मुलाकात को लेकर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। हालांकि, मुलाकात पर अभी संशय है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं की लंबे समय के बाद मुलाकात हो रही है, इसलिए बात जरूर होगी। दरअसल, जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में पैदा हुए गतिरोध के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम को उज्बेकिस्तान के लिए रवाना होंगे जबकि चीन के राष्ट्रपति वहां बुधवार को पहुंच चुके हैं। इस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी कम समय वहां रहेंगे।

मोदी और पुतिन सम्मेलन से इतर करेंगे मुलाकात
शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी की रूस के राष्ट्रपति के साथ बैठक होने की रूस ने पुष्टि की है। पुतिन चाहते हैं कि भारत और चीन के बीच तनाव घटे। बीच में ऐसी भी चर्चाएं चली थी कि इस मामले में रूस मध्यस्थता कर सकता है। बहरहाल, यह संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि पुतिन के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी की शी जिनपिंग के साथ भी बैठक हो सकती है, जिसमें एलएसी पर कायम तनाव को कम करने की राह खुल सकती है। हालांकि, टकराव वाले ज्यादातर बिंदुओं से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट चुकी हैं। लेकिन भारत के लिए मई-जून 2020 से पहली की स्थिति बहाली सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए लगातार प्रत्यक्ष और पर्दे के पीछे से भी प्रयास चल रहे हैं।


2019 में हुई थी मोदी की जिनपिंग से पिछली मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शी जिनपिंग के साथ पिछली मुलाकात अक्तूबर 2019 में ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान हुई थी। उसके बाद से कुछ वर्चुअल बैठकों में भी मोदी और जिनपिंग एक मंच पर नजर आए थे। लेकिन उसके बाद से यह पहली बार आमने-सामने मुलाकात होगी। सूत्रों के अनुसार, गोगरा-हॉटस्प्रिंग से दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने को इस बैठक से जोड़कर भी देखा जा रहा है। दोनों देशों की तरफ से यह यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि वे तनाव कम करने के इच्छुक हैं। इस लिहाज से यह माना जा रहा है कि दोनों नेताओं में कुछ बात तो जरूर होगी।

महत्वपूर्ण साबित हुई हैं साइडलाइन बैठकें
सूत्रों का कहना है कि शिखर सम्मेलन के दौरान स्वाभाविक रूप से सभी नेताओं की एक-दूसरे से मुलाकात होगी। इसमें औपचारिक अभिवादन के अलावा ग्रुप फोटो भी है। लेकिन यदि इस दौरान दो नेताओं के बीच सम्मेलन से इतर कोई बैठक होती है तो उसमें दोनों देश बिना किसी एजेंडे के भी किसी मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं। अक्सर इस प्रकार की बैठकों के दौरान साइडलाइन में होने वाली बैठकें महत्वपूर्ण साबित हुई हैं। मौजूदा हालात में एससीओ में चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के आसार नहीं हैं। जबकि साइडलाइन बैठक की संभावना बनी हुई है।

शरीफ मोदी से कर सकते हैं शिष्टाचार भेंट
समरकंद में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ मोदी की संभावित मुलाकात की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। पाकिस्तान के डॉन अखबार ने बुधवार को कहा कि मोदी से मुलाकात की शरीफ की कोई योजना नहीं है हालांकि, शिष्टाचार भेंट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

मोदी और पुतिन इन मुद्दों पर करेंगे बात
इस दौरान दोनों दिग्गज रणनीतिक स्थायित्व, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और बड़े बहुपक्षीय संगठनों जैसे कि संयुक्त राष्ट्र, जी-20 और एससीओ के सदस्य देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। रूसी राष्ट्रपति के सहायक अधिकारी यूरी उशाकोव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एजेंडा पर भी मोदी के साथ बातचीत होगी।

सम्मेलन से पहले कजाकिस्तान पहुंचे जिनपिंग
नूर-सुल्तान (कजाकिस्तान)। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एससीओ के सम्मेलन से पहले बुधवार को कजाकिस्तान पहुंचे। जिनपिंग की कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद लगभग ढाई साल में यह पहली विदेश यात्रा है।

यूक्रेन पर चर्चा कर सकते हैं पुतिन और जिनपिंग
रूसी राष्ट्रपति के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने बताया कि जिनपिंग और पुतिन के बीच एक बैठक होगी। इस दौरान दोनों नेता यूक्रेन पर चर्चा कर सकते हैं।

एक ही समय में जिनपिंग और पोप का कजाकिस्तान दौरा
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पोप फ्रांसिस एक ही समय में कजाकिस्तान दौरे पर हैं। हालांकि, वेटिकन ने साफ किया है कि दोनों की मुलाकात की कोई योजना नहीं है। जिनपिंग एससीओ के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को कजाकिस्तान पहुंचे हैं, जबकि पोप अपनी राजकीय यात्रा के दौरान गुरुवार तक कजाकिस्तान में रहेंगे। इस दौरान वह विभिन्न धर्मों के नेताओं की वैश्विक सभा में हिस्सा लेंगे। शी से मुलाकात की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पोप ने कहा, मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन मैं चीन जाने के लिए हमेशा तैयार हूं। दोनों इससे पहले भी एक ही समय में संयुक्त राष्ट्र महासभा, न्यूयॉर्क में जबकि 2019 में इटली में साथ एक जगह की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन तब भी उनकी मुलाकात नहीं हुई थी।

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