उज्जैन। शहर को बेटी और मार्शल आर्ट प्रशिक्षक पूजा चौहान ने लड़कियों को आत्म रक्षा के लिए तैयार करने का बीड़ा उठाया है। इसी उद्देश्य को पुरा करने के लिए वह गांव-गांव जाकर सरकारी स्कूल की छात्राओं को नि:शुल्क आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं।
दरअसल अब्दालपुरा निवासी पूजा में लड़कियों को आत्मसुरक्षा के गुर सिखाने का जुनून है और इसके लिए वह बड़ी मेहनत और लगन से काम कर रही हैं। उसकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि प्रशिक्षण लेने के बाद 20 से ज्यादा लड़कियाँ राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं।
पूजा को भी इस उत्कृष्ट कार्य के लिए अब तक कई पुरस्कार दिए जा चुके हैं। खास बात यह है कि मार्शल आर्ट प्रशिक्षक पूजा गरीब परिवार की लड़कियों को नि:शुल्क मार्शल आर्ट सिखाती हैं और उन्हें खेलों की दुनिया में आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करती हैं। इस कार्य में वह 8 वर्षों से जुड़ी हैं। पूजा ने अग्रिबाण को बताया कि उनके जीवन का उद्देश्य लड़कियों को आत्मरक्षक (स्वावलंबी) बनाना हैं, जिससे वे समाज में अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके और स्वयं की रक्षा के लिए उन्हें किसी पर निर्भर न रहना पड़े। उन्होंने बताया कि आजकल बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं के चलते मनचलों को सबक सिखाने के लिए इस कला को सीखना बहुत आवश्यक हैं। इससे लड़कियों का मनोबल बढ़ता है और विपरीत परिस्थितियों में भी समस्या का सामना कर सकती है। अब तक वह 500 से अधिक किशोरियों व युवतियों को आत्मसुरक्षा का गुर सिखा चुकी हैं, अभी भी प्रशिक्षण जारी है। पूजा ने कहा कि इस काम में मुझे सबसे अधिक सुकून मिलता है।
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