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प्रशांत किशोर का सुझाव-गांधी परिवार की त्रिमूर्ती नहीं, बाहर के व्यक्ति को बनाएं पार्टी अध्यक्ष

नई दिल्ली। यूपी, पंजाब, उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में करारी हार (crushing defeat in 5 states) के बाद से कांग्रेस (Congrees) एक बार फिर प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) को साथ लाने की कोशिश में है। इसी कड़ी में अब तक कई मुलाकातें कांग्रेस लीडरशिप (Congress Leadership) और प्रशांत किशोर के बीच हो चुकी हैं। इस दौरान प्रशांत किशोर की ओर से कांग्रेस के पुनरुत्थान के लिए कई सुझाव प्रजेंटेशन के माध्यम से दिए गए हैं। इनमें से ही एक सुझाव यह भी है कि गांधी परिवार की त्रिमूर्ति कहे जाने वाले सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी (Sonia Gandhi, Priyanka Gandhi and Rahul Gandhi) में से कोई भी नेता पार्टी का अध्यक्ष न रहे। इसकी बजाय परिवार से बाहर के किसी नेता को यह जिम्मेदारी दी जाए। ऐसे में अहम सवाल यह है कि फिर गांधी परिवार के ये नेता क्या जिम्मेदारी संभालेंगे।


सूत्रों का कहना है कि पीके ने सुझाव दिया है कि सोनिया गांधी यूपीएम की चेयरमैन रहें, इसके अलावा राहुल गांधी संसदीय बोर्ड के नेता बनें और प्रियंका गांधी को महासचिव कॉर्डिनेशन की जिम्मेदारी दी जाए। इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया है कि कांग्रेस को गठबंधन की राजनीति पूरी आक्रामकता के साथ करनी चाहिए। उनका कहना है कि कांग्रेस को पूर्व और दक्षिण की 200 सीटों पर फोकस करना चाहिए। इन सीटों पर भाजपा का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है। यही नहीं प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को वैचारिक जमीन पर वापस लौटने का भी सुझाव दिया है। पीके का कहना है कि कांग्रेस को लोकतांत्रिक दल के तौर पर काम करना चाहिए। इसके अलावा उसे जनता को यह बताना होगा कि वह वंशवाद और भ्रष्टाचार से अलग है।

600 स्लाइड्स में तैयार किया प्रजेंटेशन, जिला स्तर पर बदलने होंगे नेता
प्रशांत किशोर के करीबियों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीके ने 600 स्लाइड्स तैयार की हैं। इन स्लाइड्स में बताया गया है कि ग्रासरूट लेवल पर कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत करना होगा, उन्हें सक्रिय करना होगा। इसके लिए जरूरी यह है कि बुजुर्ग और जड़ हुए नेताओं को बाहर करना होगा। इसकी बजाय जिला स्तर पर नई लीडरशिप तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने कॉम्युनिकेशन सिस्टम को भी बदलना होगा। यही नहीं कुछ नारे भी पीके ने कांग्रेस को सुझाए हैं, जिनके जरिए पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभियान चलाया जा सकता है।

मोदी के खिलाफ अभियान के लिए सुझाए नए नारे
पीके का सुझाव है कि कांग्रेस को ‘हानिकारक मोदी’ और ‘मोदी जाने वाले हैं’ के नारे पर आगे बढ़ना होगा। दरअसल चुनावी रणनीतिकार का कहना है कि इस तरह से कांग्रेस को पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों पर अटैक करना चाहिए न कि उन पर व्यक्तिगत तौर पर हमला करना चाहिए।

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