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धनलक्ष्मी बनी रेता सुर रेत रही है जीवनदायिनी नर्मदा की नस

नरसिंहपुर। रेतमाफिया की तरह उभरी धनलक्ष्मी मर्चेंटाइन कंपनी द्वारा नर्मदा सहित जिले की अन्य वड़ी नदियों के घाटों से भारी मात्रा में अवैध रूप से रेता का बेजा उत्खनन बर्जित काल में भी किया जा रहा है। जिससे ये नदियां एवं इनमें पाये जाने वाले जलीय जीवों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। धनलक्ष्मी द्वारा अवैध रेत के बड़े बड़े भण्डार कर लिए हैं।
मप्र में नर्मदा सहित अन्य बड़ी नदियां रेत का खजाना मानी जाती हैं जो कि रेत उत्खनन के लिए स्थानीय एवं बाहरी छोटे-बड़े धनपतियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। जिससे यहां पर स्थानीय स्तर पर ट्रेक्टर ट्राली से लेकर दैत्याकार हाइवा डंफर आदि रेत उत्खनन के लिए नदियों के किनारे धमाचैकड़ी मचाते देखे जा सकते हैं। यहां इन नदियों में से रेता से भरे भारी भरकम दैत्याकार हाइवा, डंफर और जेसीबी मशीने लगातार ग्रामों की सड़कों को उधेड़ती हुई दौड़ लगाती नर्मदा या रेता की खान अन्य बड़ी नदियों के किनारे बसे ग्रामों से लगातर जब चाहें दिन हो या रात जहां से चाहंे वहां से धड़ल्ले से दौड़ लगाते हुए नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों की शिकायतों पर शिकायतें जवावदार संबंधित जिला प्रशासन तक तो पहुंच रही हैं लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है। बल्कि जब भी ज्यादा शिकायतें आदि होने लगती है तो व राजस्व खनिज विभाग के अधिकारियों के संबंधित खदानों में पहुंचने के पूर्व ही धनलक्ष्मी पतियों कों सूचना मिल जाती है जिससे वे अपने जेसीबी हाईवा डंफर आदि लेकर कुछ समय के लिए गायब हो जाते हैं। लेकिन अधिकारियों के कुछ ही किमी दूर पहुुचने पर ये पुनः उक्त समस्त वाहनों सहित पहुंचकर फिर से रेत के अवैध उत्खनन में लग जाते हैं। और दिन और रात भर रेत की जेसीबी मशीनों से खुदाई के साथ ही भारी वाहनों के परिवहन करने से स्थानीय ग्राम वासियांे का सड़कों पर निकलना मुश्किल हो रहा है और रातों को उनकी नीदें भी हराम हो रही हैं। इसके साथ यहां बनाई गई पक्की सड़कों को भी पूर्ण रूप से इन वाहनों की धमाचैकड़ी ने पूर्ण रूप उधेड़कर रख दिया है। जिससे इन सड़कों पर बारिस के मौंसम में भारी कीचड़ एवं गहरे गहरे गड्डों में बाहनों के फंसने का अंदेशा बना रहेगा। और फिर धूप के मौंसम में भारी धूल गर्दिश आदि के उड़ने से वाहन चालकों को भी परेशानी का करण बन रही है रेत उत्खनन धनलक्ष्मी मर्चेंटाइल कंपनी।
वर्तमान समय में मप्र की नई रेत नई नीति के अनुसार हुई रेत खदानों की नीलामी में वाहरी धनलक्ष्मी नामक कंपनी द्वारा जिले भर की समस्त खदानों को खरीदा गया है। जिसके द्वारा लगातार शासन प्रशासन के समस्त नियम कायदों को दरकिनार करते हुए नर्मदा सहित अन्य बड़ी छोटी नदियों के विभिन्न घाटों से रेता का बेजा उत्खनन किया जा रहा है लेकिन अभी तक जिला प्रशासन द्वारा धनलक्ष्मी पर कोई कार्यवाही नही की गई और न ही उसे नियम विरूद्ध रेत उत्खनन पर रोके जाने हेतु कोई कार्यवाही भी नही की गई है।
लेकिन रेत खनन नियमों, एनजीटी सहित शासन प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार वर्षाकाल में रेता का खनन खदानों से पूर्णतः वर्जित रहता है। जबकि इस वर्ष अभी 1जुलाई 1अक्टूबर 2020 तक नर्मदा एवं बड़ी नदियों से रेत निकासी या उत्खनन सहित मतस्याखेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसका उल्लंघन दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है। क्योंकि इस दौरान नदियों में मछलियों सहित अन्य जलीय जन्तुओं का प्रजनन काल होता और रेत उत्खनन से इनके इस प्राकृतिक क्रियाकलाप में व्यवधान पैदा होता है जिससे उनकी संख्या में भारी कमी होती हैं। कई जलीयजीव तो ऐंसे हैं जो वमुश्किल पूरे वर्षाकाल में बहुत ही सीमित संख्या में अंडे देते है जिनमें नष्ट होने पर इनके विलुप्त होने तक का खतरा पैदा हो जाता है। प्रकृति में प्राकृतिक रूप में जलचर थलचल एवं वायुचर जीवों का पिरामिड होता है जो कि एक उनके विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र में स्थानीय जीवों का सहजीविता या निर्भरता केे रूप अपनी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका में सदा बने रहते हैं। यदि इनके इस प्रजनन काल में इनके बिल या आवासीय क्षेत्र नष्ट हो जाते हैं तो इनके अंडे आदि भी नियत स्थानों पर न रहकर मादा प्राणी की पहुंच से दूर पहुंच जाते है। और नष्ट भी हो जाते हैं। लेकिन इसके वावजूद भी जानबूझकर स्थानीय जिला प्रशासन व खनिज विभाग धनलक्ष्मी पर कोई कार्यवाही नही कर पा रहा है। जिससे लगता है कंपनी के साथ जिला प्रशासन व खनिज विभाग की मिलीभगत का अंदेशा होता है।
इसके साथ ही रेत खनन कंपनी में कार्यरत मजदूरों आदि का भी कोई निष्चित संख्या में विधिवत थानांे में आमद है या नही इसकी भी जांच होनी चाहिए। और हो भी सकता है कि कंपनी में कार्यरत मजूदरों के निवास आदि पर अवैध हथियार भी मौजूद हों। जिससे खदानों पर रेत निकासी को लेकर गैंगवार जैंसी घटनाओं से भी इंकार नही किया जा सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह हे क धनलक्ष्मी रेत खनन कंपनी और इसके लोगों द्वारा किए जा रहे लगातार नियम विरूद्ध उत्खनन परिवहन आदि की शिकायतों पर कोई कार्यवाही न हो पाना दुर्भग्यपूर्ण है।
जिले के नागरिकों द्वारा धनलक्ष्मी मकेंटाइल कंपनी द्वारा की जा रही अवैध रेत उत्खनन पर शीध्र ही प्रतिबंध काल में रेत न उठाए जाने के लिए उचित कदम उठाने जाने की मांग की जा रही है।

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