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कांग्रेस में बड़े फेरबदल के बाद यूपी से हटाई गईं प्रियंका, जानिए कैसा है पार्टी नेताओं का रिएक्शन

नई दिल्‍ली (New Delhi) । कांग्रेस (Congress) ने हाल ही में बड़े फेरबदल किए और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से बाहर कर दिया। इससे पहले वह यहां प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। उनके स्थान पर पार्टी ने पूर्व राज्यसभा सांसद अविनाश पांडे को मौका दिया है। अब कहा जा रहा है कि प्रियंका को यूपी से हटाने के फैसले से प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं को कोई हैरानी नहीं हुई है। खास बात है कि साल 2022 में हुई कांग्रेस की करारी हार के बाद से ही प्रियंका ने यूपी से दूरी बना रखी है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘यह बहुत हैरानी की बात नहीं है कि उन्होंने 2022 की हार के बाद यूपी छोड़ दिया था और कभी लौटी ही नहीं। हमने पांडे को काम करते हुए देखा है। हमने अब उनके जैसे नेता की जरूरत है। पार्टी ने यूपी में बेस खो दिया है, क्योंकि हमने कई बड़े चेहरे गंवा दिए हैं। जो लोग रुके हुए हैं, उन्होंने खुद को रोज के कामों से दूर कर लिया है। हमें उम्मीद है कि पांडे की एंट्री से कैडर का आत्मविश्वास बढ़ेगा।’


क्या टीम राहुल की हो गई यूपी में एंट्री?
पांडे कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। अब यूपी में उनकी नियुक्ति को इस तरह भी देखा जाने लगा है कि राज्य में प्रियंका को हटाकर टीम राहुल ने कमान संभाली है। हालांकि, इसे लेकर साफतौर पर कुछ नहीं कहा गया है। साथ ही ब्राह्मण पांडे का चुनाव कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि अब कांग्रेस को ऐसे नेता की जरूरत है, जो प्रदेश इकाई के कामों पर नजर रख सके। उनका कहना है कि इसकी एक वजह समाजवादी पार्टी के साथ सीट शेयरिंग की बातचीत भी है, जो पेचीदा साबित हो सकती है।

यूपी में प्रियंका
कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलविदा कहने के बाद पार्टी ने 2020 प्रियंका को यूपी का प्रभारी बना दिया था। इससे पहले वह पूर्वी यूपी में पार्टी के लिए काम कर चुकी थीं। इसके बाद ही प्रियंका एक्टिव हुईं और उन्होंने जमकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार का विरोध किया। 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान की शुरुआत की। हालांकि, इससे कांग्रेस को खास फायदा नहीं मिल सका।

उस दौरान पार्टी ने राज्य की 403 में से 399 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से महज 2 सीटों पर ही कांग्रेस जीत सकी थी। 387 पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। खास बात है कि राज्य में यह कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन था।

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