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इस देश में रानी एलिजाबेथ को राष्ट्रप्रमुख के पद से हटाया

लंदन। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) अब से बारबाडोस (Barbados) की प्रमुख नहीं रहेंगी, गणतंत्र (republic) होने से पहले इस देश ने अपना राष्ट्रपति चुन लिया है. एक समय था जब पूरी दुनिया में अंग्रेजों का अधिकांश जगहों पर राज था. यहां तक कहा जाता था कि अंग्रेजों के राज में सूरज कभी नहीं डूबता. 19वीं और 20वीं सदी में दुनिया के कोने कोने में जहां- जहां अंग्रेजों का राज था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कई देश ब्रिटेन से आजाद होने लगे. आज भी दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं जहां आजादी के बाद भी उनकी राज्य प्रमुख ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) है. बारबाडोस (Barbados) अब ऐसा देश नहीं होगा. उसने पूरी तरह से गणराज्य (Republic State) होने का फैसला कर लिया है और अपने लिए राष्ट्रपति का भी चुनाव कर लिया है.
वैसे तो बारबाडोस (Barbados) ब्रिटिश औपनिवेश (British Colonization) से 54 साल पहले ही मुक्त हो गया था. लेकिन उसकी शासन प्रणाली ऐसी थी जिसमें राज्य प्रमुख ब्रिटेन की महारानी (Queen Elizabeth) ही थीं. अब बारबाडोस ने पूर्ण गणराज्य (Republic) होने का फैसला कर लिया है. उससे पहले बारबाडोस की संसद ने अपने दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में दो तिहाई वोटों के बहुत से सैंड्रा मैसन को अपना राष्ट्राध्यक्ष चुन लिया.



72 साल की डेम सैंड्रा मैसन (Dame Sandra Mason) आगामी 30 नवंबर को बारबाडोस (Barbados) के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी. ब्रिटेन से अपने देश की आजादी की 55वीं सालगिरह पर यह पद संभालेंगी. वे बारबाडोस की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी जो साल 2018 से अब तक वहां की गवर्नर जनरल थीं. यहां की सरकार ने पिछले साल ही गणतंत्र (Republic) बनने का फैसला किया था.
बारबाडोस (Barbados) की सरकार के बयान में कहा गया था कि अब समय आ गया है कि बारबाडोस पूरी तरह से अपना औपनिवेशिक इतिहास (Colonial History) पीछे छोड़ दे. इस बदलाव की सिफारिश काफी पहले ही साल 1998 में कर दी गई थी. लेकिन यह घोषणा बारबाडोस की संसद (Barbados Parliament) के हाउस ऑफ एसेंबली और सीनेट की संयुक्त अधिवेशन के बाद आया. उस समय देश की प्रधानमंत्री ने इसे देश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया.
बारबाडोस (Barbados) दो लाख 85 हजार की जनसंख्या वाला द्वीप देश है. यह कैरेबियाई द्वीपों में सबसे अधिक जनसंख्या और समृद्ध देशों में से एक है. कभी केवल शक्कर के निर्यात पर रहने वाला यह देश आर्थिक रूप से पर्यटन पर ज्यादा निर्भर है. यह कैरेबियन द्वीप (Caribbean islands) समूह में पहला ब्रिटिश औपनिवेशन (British Colony) नहीं है जो गणराज्य बन रहा है. इसेस पहले गुयाना ने 1970 में आजाद होने के चार साल बाद गणतंत्र अपनाया था. इसके बाद त्रिनिदाद और टोबैगो ने 1976 और डोमिनिका ने 1978 में गणतंत्र अपनाया था.
बारबाडोस (Barbados) पर अंग्रेजों ने 1625 में कब्जा किया था. यहां के लोगों की अंग्रेजी परंपराओं के प्रति निष्ठा को देखते हुए कई बार इसे लिटिल इंग्लैंड (Little England) भी कहा जाता है. कोविड-19 महामारी से पहले यहां के शानदार और खूबसूरत बीचों के कारण यहां का पर्यटन (Tourism) काफी लोकप्रिय था, यहा मशहूर सिंगर रिहाना का जन्म बारबाडोस में ही हुआ है.
बारबाडोस (Barbados) के आलावा, कुछ समय पहले ही जमैका ने भी तय किया है कि वह भी इस बदालव पर विचार कर सकता है. कैरेबियन द्वीपों (Caribbean islands) में एंटिगुआ और बारबुडा, बाहमा द्वीप, बेलीजे, ग्रेनेडा, सेंट लुसिया, सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनडाइन्स भी ऐसे देश हैं जिनकी प्रमुख आज भी ब्रिटेन की महारानी (Queen Elizabeth) हैं. वहीं प्रमुख और बड़े देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड जैसे देश शामिल हैं.

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