अपने लिए जिये तो क्या जिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिए।
ये हैं राधेश्याम साबू। भेल भोपाल में 38 बरस इंन्ने मुलाज़मत करी है। भां से मेनिजर के ओहदे से सुबुकदोश (रिटायर) हुए तो खाली वखत में खिदमते ख़ल्क़ करने का जज़्बा जागा। आज ये 81 बरस के हैं,बाकी दिन में 18 घंटे काम करते हैं। एक बार हमीदिया अस्पताल का चक्कर लगा के आये तो इने भोत सारे गरीब गुरबा मरीज़ मिले जिनके कने दवाएं खरीदने के पैसे तक नहीं थे। इनके तीन में से एक बेटे इंदौर रहते हैं। इंन्ने इंदौर के एमवाय अस्पताल का दौरा बी करा। भां बी ज़रूरतमंद मरीजों के तीमारदारों को खाने से लेके मरीज़ के लिए बाजार से दवाएं खरीदने के पैसे नहीं थे। शुरुआत में राधेश्याम साबू ने अपनी जेब से ज़रूरतमंद मरीजों की मदद करी। बाद में इस खि़दमत के काम को तरतीबवार करने की नीयत से इन्होंने परपीड़ा हर वेलफेयर सोसायटी बनाई। आज भोपाल में इस सोसायटी के आठ दस मेंबर दिन रात ज़रूरतमंद गरीब मरीजों की मदद करते हैं। उधर इंदौर में इस सोसायटी को इत्ता लपक रिस्पांस मिला के एमवाय अस्पताल मैनेजमेंट ने परपीड़ा हर वेलफेयर सोसायटी को बड़ा सारा स्पेस मुहैया कराया है।
वहां सोसायटी के 20 से ज़्यादा कारकून बैठते हैं। राधेश्याम बताते हैं के हम दानदाताओं की मदद से काम करते हैं। सोसायटी गरीब मरीजों को पूरी जांच परख के बाद मदद देती है। किडनी, लिवर, हार्ट के मरीजों को फौरन से पेश्तर दवाएं,इंजेक्शन वगेरा मुहैया कराए जाते हैं। अभी एक बच्चे को कान में कॉकलियर ट्रांसप्लांट के लिए 60 हज़ार की मदद मुहैया कराई गई। इसी तरह अच्छे होके घर लौटने वाले मरीजों के लिए वाहन का इंतज़ाम भी इनकीं टीम करती है। हमीदिया और एमवाय में ब्लड से लेके कृतिम अंग, ऑक्सीजन कोसेंट्रेटर और सर्दियों में कंबल और गर्म कपडे भी परपीड़ा हर समिति मुहैया कराती है। कई बार चल बसे मरीज़ को आस पास के गांव में शव पहुंचाने का इंतज़ाम भी किया जाता है। राधेश्याम साबू बताते हैं के हमारी सोसायटी सरकार से कोई मदद नहीं लेती। हमारा काम लोगों के दान से चल रहा है। कोई भी ज़रूरतमंद मरीज़ परपीड़ा हर सोसायटी के मोबाइल नंबर 9303119556 पर कॉल कर सकता है। भोत उम्दा काम कर रय हो साब आप लोग। आगे बी पूरी ईमानदारी से ये काम करते रहिएगा।
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