जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News)

रेलवे का लोहा चोर सोमू श्रीवास्तव गिरफ्तार, चीख चीख कर बोला रेलवे का एक वरिष्ठ अधिकारी है मास्टर माइंड

  • कल तक अधिकारी बोलते रहे रेलवे के रिकॉर्ड मे भिटौनी रेलवे लाइन से निकाला गया लोहा पूरा, फिर आरोपी के पास बरामद हुआ लोहा कहां का!!!

जबलपुर। आरपीएफ ने लोहा चोरी करने वाले ठेकेदार सोमू श्रीवास्तव और चोरी का लोहा ढ़ोने वाले वाहन एवं वाहन चालक पीर मोहम्मद को गिरफ्तार तो कर लिया गया है लेकिन जो माल जब्त किया है वह माल चोरी की मात्रा में बहुत कम है। सूत्र बताते हंै की जो लोहा चोरी हुआ है उसमे लोहा की मात्रा 13 टन थी। लेकिन अभी तक आरपीएफ ने मात्र कुछ टन लोहा ही जब्त किया है।

पहले भी करवाता रहा है चोरी
लोहा चोरी के आर पी एफ थाने मे 15-20 मामले अज्ञात मे दर्ज है जिसमें भी लोहा चोरी ठेकादर सोमू श्रीवास्तव ने करवाई है। लेकिन अभी तक मामलो मे कार्यवाही नही की। आरपीएफ चाहे तो सोमू श्रीवास्तव को रिमांड मे लेकर राज उगलवा सकती है । ठेकादर सोमू श्रीवास्तव को जब आरपीएफ ने गिरफ्तर किया तब वह अपनी करनी पर पछता रहा था और बार बार कह रहा था की रेल्वे के साउथ ऑफिस के एक बड़े अधिकारी का इस लोहा चोरी मे बड़ा हाथ है। लेकिन रेल्वे के एक बड़े अधिकारी द्वारा रेल्वे साउथ ऑफिस के अधिकारी को यह अश्वासन दिया था की चिंता मत करो मे सबको बचा लूंगा।


बड़ा अधिकारी शामिल
रेल्वे साउथ ऑफिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की इस लोहा चोरी कांड मे अहम भूमिका है, जिसके आदेश मे लोहा चोरी किया गया एवं जब उसको पता चला की लोहा चोरी होने की जानकारी आरपीएफ एवं वरिष्ठ अधिकारी तक लग गई है तब उस अधिकारी ने चोरी की हुई जगह पर अपने स्टॉक मे पड़ा लोहे को भिटोनी रेल्वे लाईन के पास डलवा कर अपने विभाग को एक रिपोर्ट सौंप दी। जिसमें रेल लाईन से निकला लोहा स्क्रैप के तौर पर उक्त स्थान पर दर्शाया गया। एक उसी अधिकारी ने अपने अधिनस्त कर्मचरियों के लिखित बयान कराये गए एवं इतना भय पैदा कर दिया ताकि वह लोग पलटे न।

आरपीएफ की कार्यवाही पर भी प्रश्नचिन्ह!
लोहा चोरी के पूरे कांड मे ठेकेदार सोमू श्रीवास्तव के साथ आरपीएफ का एसआई भी शामिल है, लेकिन अभी सिर्फ सोमू श्रीवास्तव ही पेश हुआ है। सूत्र बताते है की जिस गैस कटर से लोहे की पाते काटी गई उसका मालिक, जिसकी मशीन थी एवं उसको काटने वाले कर्मचारी जिसने लोहे को गाड़ी में लोड किया, वह कर्मचारी के साथ-साथ बाकी का लोहा किस कबाड़ी को बेचा तथा वह लोहा कहां गया इन सबकी जांच बारीकी से करनी होगी। सोमू श्रीवास्तव 20-25 बार लोहा चोरी के मामले मे पकड़ चुका है लेकिन आरपीएफ थाने के अंदर ही मामला रफा-दफा कर दिया जाता था, वह भी बिना मामला दर्ज किये । वहीं सोमू आरपीएफ के कॉमण्डेंट से तगड़ी सेटिंग का हवाला देकर लोहा चोरी की घटना को अंजाम देता था।

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