बड़ी खबर

हिमाचल में बारिश का तांडव, कांगड़ा में बादल फटने से तबाही

– कई लोगों के बहने की आशंका, चार दिन भारी बारिश का अलर्ट

शिमला। हिमाचल प्रदेश में मंद पड़ा मानसून (Monsoon slows down in Himachal Pradesh) अब आफत बनकर बरस रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को मुसलाधार बारिश ने कहर बरपाया (torrential rain wreaks havoc)। कांगड़ा जिले में बांदल फटने की अलग-अलग घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। धर्मशाला, मैक्लोडगंज से सटे भासूनाग, शाहपुर और नगरोटा बंगवा में बारिश ने भयंकर तबाही मचा दी। इन क्षेत्रों से डरा देने वाली तस्वीरें आई हैं और कई लोग लापता हुए। जिला प्रशासन युद्व स्तर पर बचाव अभियान चला रहा है।

भासूनाग में बादल फटने से नालों और खड्डों में आए पानी के सैलाब में पार्किंग में खड़े कई वाहन खिलौनों की तरह बह गए। इसके अलावा कई दुकानें और मकान भी क्षतिग्रस्त हुए। धर्मशाला के ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते बने निचले क्षेत्रों में बने बाढ़ के हालात के बीच चैतड़ू के साथ लगती पंचायत बगली में छह परिवारों के घर मांझी खड्ड में आई बाढ़ में बह गए हैं। आसपास के लोगों को भी अपने घरों को खाली करना पड़ा है तथा लोग पूरी तरह से दहशत में हैं। जिला में कई जगह तेज बहाव से पानी पुलों के ऊपर से गुजर रहा है। बारिश का दौर लगातार जारी रहने से हालात काफी खराब हो रहे हैं।


कांगड़ा जिला के शाहपुर के समीप राजोल में गज खड्ड पर मंडी-पठानकोट हाईवे पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। धर्मशाला शाहपुर क्षेत्र के धारकंडी स्थित वोह गांव में सोमवार को हुई भारी बारिश के चलते करीब आधा दर्जन घर भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों का कोई अता पता नहीं चल पाया है। एक परिवार से संपर्क हो पा रहा है और वह फोन पर बता रहे हैं कि वह घर में ही दबे हुए हैं जबकि अन्य परिवारों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। वोह बाजार के साथ ही सटे इस छोटे से मोहल्ले में ऊपरी क्षेत्र से अचानक पानी के साथ इतना अधिक मलबा बह गया कि करीब आधा दर्जन मकान चपेट में आ गए हैं।

उधर, जिला के नगरोटा बगवां पुलिस स्टेशन के अंतर्गत चाहड़ी गांव में एक नौ वर्षीय बच्ची पानी के तेज बहाव में बह गई। घर के समीप नाले में आये पानी के बहाव में यह हादसा हुआ। अभी तक बच्ची का पता नहीं चल पाया है जबकि नगरोटा प्रशासन, पुलिस बल तथा फायर ब्रिगेड द्वारा सर्च ऑपरेशन युद्ध स्तर पर शुरू किया गया है।

शिमला जिला के चौपाल उपमंडल के कुपवी इलाके में भी बारिश ने कहर बरपाया। ग्राम पंचायत भालू के भानल-सन्नत गांव में सोमवार सुबह भूस्खलन की चपेट मे आकर एक तीन मंजिला मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। घटना के वक्त परिवार के सात लोगों ने भागकर जान बचाई। हालांकि परिवार का एक सदस्य नरेश कुमार पुत्र श्याम सिंह हादसे के वक्त मकान के एक कमरे में सोया हुआ था और भूस्खलन और क्षतिग्रस्त घर में मलबे की जद में आ गया।

ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद युवक को मलबे से बाहर निकाल कर उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुपवी पहुंचाया गया। उसकी हालत स्थिर बताई गई है। अप्पर शिमला के जुब्बल के तेली नाला गांव में सोमवार सुबह एक चलती कार भूस्खलन की चपेट में आकर खाई में जा गिरी। कार में दो सगे भाई सवार थे। हादसे में एक की मौत हो गई और दूसरा घायल है। यह दुर्घटना सुबह नौ बजे के करीब तेली नाला गांव में हुई। राजधानी शिमला में भी दिन भर रूक-रूक कर बारिश का दौर जारी रहा। झाकड़ी के पास भूस्खलन की वजह से रामपुर-शिमला एनएच 5 अवरूद्व हो गया। हालांकि कुछ घंटे बाद इसे बहाल कर दिया गया।

इस बीच मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भारी वर्षा और बादल फटने की संभावित घटनाओं से हुए नुकसान पर चिन्ता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिला प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में अविलंब राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से नदी-नालों के किनारे नहीं जाने का आग्रह किया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की संभावना से बचा जा सके।

बारिश के कारण राज्य में 29 संपर्क सड़कें अवरूद्व हुई हैं। चंबा में 22, सिरमौर में 23 और किन्नौर व लाहौल-स्पीति में दो-दो सड़कें बंद हैं। कांगड़ा जिलों में बंद सड़कों की ब्योरा आना बाकी है। व्यापक बारिश से प्रदेश में 137 बिजली ट्रासफार्मर ठप्प हुए। शिमला के चौपाल उपमंडल में 99, रोहड़ू उपमंडल में 9 और सिरमौर के नाहन उपमंडल में 29 ट्रासफार्मर प्रभावित रहे।

मौसम विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान धर्मशाला में 184 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा पालमपुर में 155, बैजनाथ में 105, जोगेंद्रनगर में 82, सरकाघाट में 82, नारकंडा में 69, कसौली में 68, पंडोह में 63, रोहडू में 56, मनाली, जंजैहली व कोठी में 55, सियोबाग में 54, भुंतर व टिंडर में 51, गुलेर और बजोरा में 45 मिमी बारिश हुई है।

मौसम विभाग ने मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में अगले चार दिन भी भारी बारिश होने की आशंका जताते हुए अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में अगले 24 घंटों यानी 13 जुलाई को भारी बारिश का आरेंज अलर्ट रहेगा। जबकि 14, 15 व 16 जुलाई को बर्षा का येलो अलर्ट रहेगा। उन्होंने कहा कि 18 जुलाई तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। (एजेंसी, हि.स.)

Share:

Next Post

मप्र को मिलेगी अब तक की सबसे सस्ती सोलर बिजली

Tue Jul 13 , 2021
– आगर 550 मेगावॉट सोलर परियोजना के लिये हुई बिडिंग – बीमपाव एनर्जी और अवाडा एनर्जी न्यूनतम टैरिफ के साथ चयनित भोपाल। मध्यप्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग (New and Renewable Energy Department in Madhya Pradesh) द्वारा सोमवार को आगरमालवा जिले के 550 मेगावॉट सोलर पावर प्लांट की दो यूनिट (Two units of 550 […]