- इबादत में बीती रात, रोशन हुईं मस्जिदें, धर्मगुरु की सालगिरह पर बोहरा बहुल क्षेत्रों में छाया रहा उल्लास
उज्जैन। आज बोहरा समाज ने 24वां रोज़ा रखा तो मुस्लिम समाज ने 22वां रोज़ा। पवित्र रमजान माह अब बिदाई की ओर है। बीती लैलतुल-शबे कद्र की पूरी रात बोहरा समाजजनों ने जागरण कर इबादत में गुज़ारी। धर्मगुरु के कलाम और उपदेशों का प्रसारण मस्जिदों में किया गया। सैफी नगर, कमरी मार्ग, खाराकुआ बाखल स्थित बोहरा मस्जिदें और सभी मकरज में शाम से शुरू हुआ इबादत का सिलसिला कल अलसुबह तक जारी रहा। सभी समाजजनों ने पूरी रात जागकर इबादत कर दुआएं की और अपने गुनाहों की माफ़ी मांगी। मस्जिदों में देश के अमन, चैन, तरक्की और अच्छे स्वास्थ के लिए अल्लाहताला की बारगाह में सजदा कर दुआएं फऱमाईं और मुरादे मांगीं। समाज के कुतुब फातेमी ने बताया कि लैलतुल कद्र यानी सबसे पवित्र रात रमजान में 23वें रोज़े की पूर्व रात को इबादत के लिए सबसे ज्यादा अहमियत दी गई है। मुरादे मांगीरहमतों, बरकतों, दुआओं और इबादतों से सुसज्जित महीना माहे रमजान अपने आखिरी दिनों की ओर अग्रसर है। आखिरी कुछ दिन, जो कि माहे रमजान के खास दिन कहे जा सकते हैं, वह आज से शुरू हो गए हैं। इन खास चंद दिनों में सबसे ज्यादा फजीलत शबे कद्र कल की रात मानी गई। क़ुरआन शरीफ़ में इस रात को हज़ार महीनों से ज्यादा अफजल कहा गया है। समाज 21अप्रैल को ईद उल फितर मीठी ईद का त्योहार मनाएगा।
धर्मगुरु की सालगिरह मनाई
दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरु 53वें दाई आली क़दर सैय्यदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की 80वीं सालगिरह भी थी। खास रात में समाजजन उनकी सेहत और लंबी उम्र की दुआ भी की। मस्जिद और मरकज़़ों में दुनियाभर में आज रात बोहरा समाज के धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के दुआइया कलाम और उपदेशों का वीडियो गलियाकोट से लाइव दिखाया गया।
इस रात कोई जलजला नहीं आता
यह बहुत ही बरकतों की और सुकूूूून वाली रात होती है। इस रात हर तरफ बहुत ही सुकून होता है और हर इंसान अल्लाह के जिक्र में लगा हुआ रहता है और गुनाहों की माफ़ी मिलती है। पूरी रात इबादत से रोशन रहती है। शबे कद्र की रात को कोई भी तूफान या जलजला नहीं आता इस रात को कोई भी आपदा नहीं होती ।