इंदौर न्यूज़ (Indore News)

5 नंबर में खुलकर सामने आई बगावत, विधायक विरोधी जुटे

  • कुछ लोगों को ही तवज्जों मिलने से नाराज एक धड़े ने बैठक कर बनाई रणनीति, आने वाले दिनों में दिखेगा असर

इन्दौर (Indore)। चुनाव के पहले ही कांग्रेस की तरह भाजपा में भी बगावत सामने आ रही है। कल एक होटल में पांच नंबर के कुछ वरिष्ठ भाजपा नेताओं के विधायक महेन्द्र हार्डिया विरोधी धड़े ने एक बैठक की। बैठक में खुलकर तो हार्डिया का विरोध नहीं हुआ, लेकिन जिस तरह के हावभाव और तेवरों को बात हुई, उससे तो तय हो गया कि बाबा के सामने इस बार पांच नंबर विधानसभा की डगर कठिन लग रही है।

साकेत नगर चौराहे के पास एक होटल में हुई बैठक की अगुवाई किसी भी नेता ने नहीं की, लेकिन इस विधानसभा में रहने वाले जितने भी नेता विधायक महेन्द्र हार्डिया से अंसतुष्ट हैं, वे सभी इसमें शामिल थे। इनमें कुछ पूर्व पार्षद भी थे। बैठक में पुराने नेताओं में प्रताप राजोरिया, अतुल सेठ, दिलीप शर्मा, अजय जैन, संजय इंगले, प्रदीप नायर, कमल यादव, मुकेश राजावत, होलासराय सोनी, रमेश भारद्वाज, महेश जोशी और अन्य नेता भी मौजूद थे। बैठक में बातचीत की शुरुआत कांग्रेसियों की लगातार बढ़ती घुसपैठ से हुई, जिसमें नेताओं ने चिंता जाहिर कि कांग्रेसी लगातार पांच नंबर क्षेत्र में आयोजन पर आयोजन कर रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं कि भाजपा की स्थिति यहां कमजोर हैं।


इसका जवाब देने के लिए बाबा आगे नहीं आ रहे हैं। हमने पिछले चुनाव में भी खूब मेहनत की और पार्टी को जैसे-तैसे जिताया, लेकिन इस बार जिस तरह से विधायक हार्डिया ने कई पुराने नेताओं को हाशिये पर रख दिया है, उससे अब इस बार जीत मुश्किल है। एक वरिष्ठ नेता ने तो यह भी कहा कि हम लोग अलग-अलग बंट गए हैं, जो ठीक नहीं है। कांग्रेसी इसी बात को लेकर भ्रम फैलाने में लगे हैं। इसमें कुछ लोगों को सम्मान दिया जा रहा है तो कुछ नाराज हैं। कुछ ने तो बाबा की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया और कहा कि इस बार यह सीट जीत पाना मुश्किल है। हालांकि बाद में कुछ नेताओं ने बात संभाली और कहा कि हमारा प्रत्याशी तो कमल का फूल होना चाहिए, चाहे नाम किसी का भी हो।

इनको टिकट नहीं दिया था
पिछली बार नगर निगम चुनाव में एमआईसी मेम्बर दिलीप शर्मा, पार्षद पति कमल यादव, रमेश भारद्वाज, होलास सोनी, सभापति अजयसिंह नरूका को टिकट नहीं दिया गया था। शर्मा तो बाबा के नजदीकी थे, लेकिन उनका टिकट कटने के बाद उन्होंने दूरी बना ली। यही नहीं बैठक में कई ऐसे नेता भी सामने आए थे, जो अपनी पत्नी को टिकट दिलाना चाहते थे और कुछ पदाधिकारी भी टिकट चाह रहे थे। वे सभी बाबा पर ही टिकट नहीं मिलने का ठीकरा फोड़ रहे हैं। इनमें पांच नंबर विधानसभा के कुछ नेता भी हैं। हालांकि कुछ बड़े नेताओं ने पहले बैठक में आने की हामी भरी थी, लेकिन बहाना बनाकर वे बैठक से दूर रहे। सूत्रों का कहना है कि एक बड़ा धड़ा बाबा के खिलाफ रणनीति बनाने में लग गया है, लेकिन सामने कोई नहीं आ रहा है।

कांग्रेसियों की उठापटक शुरू
कांग्रेसियों ने भी पांच नंबर में उठापटक शुरू कर दी है। सत्यनारायण पटेल तो पूरे पांच साल से किसी न किसी कार्यक्रम के बहाने क्षेत्र में आते-जाते रहते हैं और इसका फायदा उन्हें टिकट के रूप में मिल सकता है, वहीं गांधी परिवार से नजदीकियों के चलते पटेल ही अपने आपको यहां से टिकट का प्रबल दावेदार घोषित कर चुके हैं, वहीं कांग्रेस में दूसरे दावेदार स्वप्निल कोठारी भी हैं, जो पिछले 8 महीनों से क्षेत्र में सक्रियता बनाकर आयोजन कर रहे हैं, ताकि कांग्रेसियों और मतदाताओं को जोड़ा जा सके। कुल मिलाकर कांग्रेस लगातार कुछ न कुछ आयोजनों के माध्यम से 5 नंबर विधानसभा में बनी हुई है।

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