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एक जनवरी से मोबाइल की बिक्री से पहले इस पोर्टल पर IMEI का पंजीकरण अनिवार्य, लेना होगा प्रमाणपत्र

नई दिल्ली । सरकार ने 1 जनवरी, 2023 से जाली उपकरण रोधक पोर्टल (Portal) पर भारत (India) में बिक्री (sales) से पहले सभी मोबाइल फोन (mobile phone) के आईएमईआई (IMEI) नंबर का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। 26 सितंबर की एक अधिसूचना के अनुसार, सभी मोबाइल फोन, चाहे वे स्थानीय रूप से बने हों या आयातित, उन्हें पंजीकरण और दूरसंचार विभाग द्वारा संचालित भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल (Indian Fake Device Ban Portal) से आईएमईआई प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि निर्माता को मोबाइल फोन की पहली बिक्री से पहले दूरसंचार विभाग में भारतीय जाली उपकरण रोधक पोर्टल में भारत में निर्मित हर मोबाइल फोन की अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या पंजीकृत करनी होगी।

हर मोबाइल फोन एक विशेष 15-अंकीय आईएमईआई नंबर
मोबाइल डिवाइस उपकरण पहचान संख्या छेड़छाड़ रोधक (संशोधन) नियम, 2022 के तहत अधिसूचना जारी की गई है। हर मोबाइल फोन एक विशेष 15-अंकीय आईएमईआई नंबर के साथ आता है जो डिवाइस की विशिष्ट आईडी के रूप में कार्य करता है। दूरसंचार नेटवर्क पर समान आईएमईआई वाले नकली उपकरणों की मौजूदगी के कारण खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने में मुश्किलों ने चिंता बढ़ाई है। सरकार ने खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक और ट्रेस करने के लिए सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) प्रोजेक्ट लॉन्च किया है और ऐसे हैंडसेट के प्रसार को रोकने के लिए भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध (ICDR) सिस्टम को जोड़ा है। फिलहाल पोर्टल पर चोरी या गुम हुए मोबाइल को ब्लॉक करने की सुविधा ही उपलब्ध है।


आईएमईआई नंबर को आईसीडीआर सिस्टम पर पंजीकृत करना होगा
सीईआईआर परियोजना नकली फोन की समस्या के साथ मोबाइल फोन के मुद्दे को सुलझाने के लिए काम कर रही है। नई अधिसूचना के साथ आयातित उपकरणों के आईएमईआई नंबर को आईसीडीआर सिस्टम पर पंजीकृत करना होगा। साथ ही विभिन्न सीमा शुल्क बंदरगाहों के माध्यम से मोबाइल उपकरणों के आयात के लिए आईएमईआई प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। बिक्री, परीक्षण, अनुसंधान या किसी अन्य उद्देश्य के लिए भारत में आयात किए गए मोबाइल फोन की अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या आयात से पहले दूरसंचार विभाग में भारत सरकार के भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल के साथ आयातक द्वारा पंजीकृत करनी होगी।

आईसीडीआर प्रणाली 28 जनवरी, 2020 से चालू है। इसे बिना किसी शुल्क के पंजीकरण और आईएमईआई प्रमाणपत्रों के निर्माण के लिए एक वेब पोर्टल के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। नई प्रणाली ने पुराने आईएमईआई क्लोनिंग और दोहराव प्रतिबंध प्रणाली को बदल दिया है, जिसे एक निजी निकाय मोबाइल स्टैंडर्ड अलायंस ऑफ इंडिया (MSAI) द्वारा संचालित और रखरखाव किया जाता है।

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