नई दिल्ली: रूस ने अमेरिकी सुपरसोनिक बमवर्षक विमानों को उसकी सीमा में आने पर खदेड़ने का दावा किया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने बैरेंट्स सागर के ऊपर से अमेरिका के दो सुपरसोनिक बमवर्षक विमानों के रूस की सीमा में घुसने के प्रयास का आरोप लगाया है. बैरेंट्स सागर रूस और नाटो सदस्य देशों नार्वे, फिनलैंड और स्वीडन के उत्तर में स्थित है. रूस और अमेरिका के बीच हुई इस झड़प के बारे में अभी तक अमेरिका की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. इस घटना के बाद अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
नाटो देश कर रहे हैं सैन्य अभ्यास
दरअसल, नाटो देश बैरेंट्स सागर के ऊपर ‘नॉर्डिक रिस्पांस’ नामक सैन्य अभ्यास कर रहे हैं. नाटो देशों का पिछले दशक का यह सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास बताया जा रहा है. इस अभ्यास में 32 देश की सेनाएं रूस के हमले का जवाब देने के लिए अभ्यास कर रही हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अमेरिका के दो बी-1 बी सुपरसोनिक बॉम्बर रूस की सीमा की तरफ आ रहे थे, इनका जवाब देने के लिए रूस ने अपने मिग-31 विमान को भेजा था. यह घटना तब हुई जब पिछले शुक्रवार को मॉस्को में हुए आतंकी हमले के बाद रूस शोक मना रहा है, इस हमले में 133 लोगों की मौत की खबर सामने आई है.
अमेरिका के बमवर्षक की ताकत
अमेरिकी वायुसेना का बी-1बी बमवर्षक विमान शीत युद्ध के दौरान से अमेरिकी सेना में सेवा दे रहा है. यह विमान 34 हजार किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम है. अमेरिकी बमवर्षक विमान को परमाणु हथियारों से लैस किया जा सकता है. बी-1बी विमान की लंबाई 146 फीट बताई जाती है, जो अभी तक के सबसे बड़े सुपरसोनिक विमानों में से एक है.
रूस के मिग-31 फाइटर जेट की ताकत
रूस ने जिस मिग-31 फाइटर जेट से अमेरिकी जेट को खदेड़ा यह विमान बी-1बी के मुकाबले काफी छोटा है. इस विमान को मिसाइल और बमवर्षक विमानों से मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया है. रूस का यह विमान 3000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है, साथ अपने साथ कई मिसाइलों को भी ले जा सकता है. बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस का पश्चिमी देशें के साथ लगातार तनाव जारी है. रूस के राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों को इस युद्ध से दूर रहने के लिए कहा है, पुतिन ने कहा कि अगर इस यु्द्ध के बीच में आए तो रूस परमाणु हमला कर सकता है.
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