उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

सांची बेचेगा चिंतामण में लड्डू..कल से शुरु हो गई बिक्री

  • मंदिर समिति को हर पैकेट पर दस रूपए की कमाई
  • दर्शनार्थियों को 110 रुपए में ढाई सौ ग्राम मिलेगा

उज्जैन। आखिरकार चिंतामण गणेश मंदिर प्रबंध समिति ने मंदिर परिसर में प्रसादी काउंटर लगाकर प्रसाद बेचने का काम शुरु कर दिया है। मंदिर समिति को मोदक प्रसादी बनाकर देने का ठेका सांची ने लिया है। पूर्व में महाकाल मंदिर समिति को यह काम मिलना था लेकिन वहाँ से मना होने के बाद सांची को दिया गया है। फिलहाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को ढाई सौ ग्राम मोदक प्रसादी का पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है और इस प्रसादी को बेचने से मंदिर समिति को प्रति पैकेट दस रूपए की कमाई होगी। ढाई सौ ग्राम मोदक का पैकेट एक सौ दस रूपए में बेचा जा रहा है जबकि सांची ढाई सौ ग्राम का पैकेट सौ रुपए में मंदिर समिति को उपलब्ध कराने का काम करेगा। मंदिर प्रबंधक अभिषेक शर्मा ने बताया कि मोदक प्रसादी का काउंटर मंदिर परिसर में लगाया गया है और इसकी सूचना भी परिसर के साथ ही बाहर भी लगाई गई है ताकि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को ताजा व कम भाव के साथ ही शुद्ध प्रसाद मिल सके। महाकाल मंदिर समिति द्वारा पहले यह काम किया जाना था।

साल भर तक चली महाकाल मंदिर समिति से बात
बताया गया है कि चिंतामण गणेश मंदिर प्रबंध समिति द्वारा महाकाल मंदिर समिति से करीब एक साल तक लड्डू प्रसादी बनाकर देने के लिए बात की जाती रही लेकिन यह बात बनी नहीं और अंतत: गणेश चतुर्थी के दो दिन पहले चिंतामण मंदिर समिति ने सांची को मोदक बनाने का ठेका सौंप दिया। समिति प्रबंधक श्री शर्मा के अनुसार मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध व सस्ता प्रसाद मिले इसलिए सांची प्रबंधन से संपर्क कर मोदक बनाने का ठेका दिया गया है और इसके चलते हर दिन सुबह सांची अपने वाहन से मोदक प्रसादी के पैकेट्स मंदिर तक भेजेगा। जानकारी के अनुसार महाकाल मंदिर प्रशासन चिंतामण गणेश परिक्षेत्र स्थित लड्डू प्रसादी निर्माण यूनिट से लड्डू बनाकर देने के लिए तो तैयार था लेकिन उसकी यह शर्त थी कि पैकेट्स भी हमारे ही होंगे जबकि चिंतामण गणेश मंदिर प्रशासन अपने स्वयं के पैकेटों में प्रसादी बेचने चाहता था। अब सांची से मोदक तो लिए जा रहे है और पैकेट्स चिंतामण प्रबंध समिति के ही है, जिस पर चिंतामण गणेश मंदिर का लोगो बना हुआ है।


बाहर की दुकानों पर डालडा घी के लड्डू बेच रहे
इधर भले ही मंदिर समिति ने प्रसाद बेचने का काउंटर शुरु कर दिया हो लेकिन इसके बाद भी मंदिर के बाहर स्थित दुकानदार प्रवेश दरवाजे पर पहुंचने के पहले ही श्रद्धालुओं को रोक कर फूल प्रसादी की टोकरी बेच रहे है। ऐसी स्थिति में आज सुबह से लेकर दोपहर तक मंदिर समिति के काउंटर से महज पांच से अधिक पैकेट भी नहीं बेचे जा सके है। हालांकि कल पहले दिन सुबह से लेकर सौ पैकेट जरूर बिके थे लेकिन आज सुबह स्थिति यह थी कि पांच पैकेट भी मंदिर के काउंटर से बिक नहीं सके। क्योंकि जितने भी लोग मंदिर पहुंच रहे थे, बाहर के दुकानदार बाहर ही रोककर अपने यहां के लड्डू बेच रहे थे। इसके अलावा डालडा घी के लड्डू भी बेचे जा रहे है और वह भी दो सौ से तीन सौ रुपए किलो तक ।

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