उज्जैन। क्षिप्रा संरक्षण (shipra protection) एवं सदा प्रवाहमान बनाने के लिए संगोष्ठी का आयेाजन संस्था रूपांतरण कार्यालय पर आयोजित की गई संगोष्ठी में म.प्र. जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय ने कहा कि धार्मिक मान्यता अनुसार नदी को पवित्र अनुष्ठान माना गया है इसको सदा जीवित रखने के लिए मनुष्य को अपनी इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति एवं क्रिया शक्ति के माध्यम से मनुष्य को नदियों के प्रति अपनी संवेदनाएं रखते हुए संरक्षण करना चाहिए। पुर्वज अपनी चेतना के माध्यम से नदी से संवाद कर चेत्न्यता का अनुभव करते थे आज के परिवेश में हम सबका दायित्व बनता है कि क्षिप्रा नदी को स्वच्छ सदा निरा बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। नदी के दोनो और सघन वृक्षारोपण स्व्च्छता का ध्यान रखते हुए धार्मिक मान्यतानुसार नदी को माँ का दर्जा प्राप्त है इस आशय से परिवार के छोटे बच्चों को संस्कार के साथ साथ जीवनदायिनी नदियों का अध्ययन कराना चाहिए, एवं विदयालयीन पाठयक्रम में नदि संरक्षण विषय शामिल करना चाहिए।
नदी प्रेमी शशिकांत अवस्थी इंदौर द्वारा जल संरक्षण का कार्यकरते हुए अपने द्वारा जल सरंक्षण के 1500 छोटे तालाब, बडे तालाब समाज के सहयोग से बनवाये गये है आपने कहा कि क्षिप्रा मैया का जन्म दिवस पर क्षिप्रा नदी का व्याख्यान आयोजित करना चाहिए। जिससे समाज में क्षिप्रा नदी के बारे में जानने का अवसर नागरिकों को मिलेगा। आपने कहा कि वनस्पति से प्राप्त बीजों का व्यवस्थित तरिके से जमीन में रोपण कर दिया जाये तो आने वाले समय में हरे भरे वृक्ष अधिक दिखाई पडेगे।
श्री रवि लंगर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा क्षिप्रा नदी के संरक्षण के लिए सरकार एवं सी. एस. आर. फंड एवं जन भागीदारी के माध्यम से आधार भूत कार्य किये जा सकते है।
श्री सचिन शिम्पी जिला समन्वयक जन अभियान परिषद द्वारा एन.जी.टी. में नदी संरक्षण के कानून एवं अधिनियम के बारे में जानकारी प्रदान की।
श्री रवि लंगर समाज सेवी, सोनू गेहलोत सभापति नगर निगम उज्जैन, पर्यावरणविद राजीव पाहवाजी, सामाजिक चिंतक डॉ.विमल गर्ग, आनंद मोहन पंडया जे.पी.मिश्रा, अभिलाष जैन, रूपेश परमार, श्रीमती रजनी नरवरिया, करूणा शितौले, अजय भातखंडे, सचिन शिम्पी, अरूण व्यास द्वारा क्षिप्रा नदी पर आयेाजित समूह चर्चा में अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन श्री शिवप्रसाद मालवीय संभाग समन्वयक म.प्र. जन अभियान परिषद एवं आभार श्री राजीव पाहवा रूपांतरण संस्था अध्यक्ष ने माना।