ज़रा हटके विदेश

वैज्ञानिकों को अं‍तरिक्ष में मिली रहस्यमयी ताकतवर वस्तु, सूरज से 57 हजार करोड़ गुना ज्यादा है चमकदार

ओहायो (Ohio) । पृथ्वी से करीब 380 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर अंतरिक्ष (space) में एक रहस्यमयी (mysterious) वस्तु की खोज की गई है, जो हमारे सूरज की तुलना में 57 हजार करोड़ गुना ज्यादा चमक रहा है. यहां इतनी ज्यादा ऊर्जा निकल रही है, जो आंखें चौंधिया दे. लेकिन इतनी ज्यादा दूरी होने की वजह से हम इसे देख नहीं पाते.

असल में यह गर्म गैसों का एक बहुत बड़ा गोला है. वैज्ञानिक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि यह है क्या चीज. हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दुर्लभ प्रकार का सुपरनोवा है. यानी मैग्नेटार (Magnetar) है. अब तक खोजे गए सारे सुपरनोवा (supernova) में यह सबसे ज्यादा ताकतवर और चमकदार है.


ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनॉमी (Astronomy at University) के प्रोफेसर क्रिजिस्तॉफ स्तानेक ने कहा कि अगर यह मैग्नेटार है तो इसकी ताकत को हम 1 से 10 के स्केल से बाहर रखेंगे. यानी 11 स्केल पर. इसे सबसे पहले ऑल स्काई ऑटोमेटेड सर्वे ऑफ सुपरनोवा (ASAS-SN) ने देखा था. यह कई टेलिस्कोप का एक नेटवर्क है. जो अंतरिक्ष में मौजूद चमकदार चीजों की खोज करता है.

ASAS-SN की शुरुआत 2014 में की गई थी. तब से अब तक इसने 250 सुपरनोवा खोजे हैं. लेकिन यह वस्तु बहुत ज्यादा ताकतवर और चमकदार है. इस स्तर का कोई सुपरनोवा नहीं मिला है. इसे नाम दिया गया है ASASSN-15lh. यह किसी भी औसत सुपरनोवा से 200 गुना ज्यादा चमकदार है. यहां तक ही हमारी गैलेक्सी में मौजूद सारे तारों की चमक को जोड़कर भी देखें तो भी यह मैग्नेटार 20 गुना ज्यादा चमकदार है.

स्तानेक कहते हैं कि हम खुद से ही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर यह है क्या. इतनी चमक कहां से मिल रही है. ये हो सकता है कि यह दुर्लभ सुपरनोवा (rare supernova) एक मिलिसेकंड मैग्नेटार हो. यानी तेजी से घूमने वाला घना तारा, जिसकी मैग्नेटिक फील्ड बहुत ही ज्यादा ताकतवर है. यह कम से कम एक सेकेंड में 1000 राउंड घूम रहा है. जिस वजह से बहुत ज्यादा चमक रहा है.

अगले कुछ महीनों में हबल स्पेस टेलिस्कोप इस पहेली को सुलझाने का प्रयास करेगा. इसके केंद्र में इतनी ज्यादा रोशनी है और मैग्नेटिक फील्ड है कि यह किसी भी अंतरिक्षीय वस्तु को अपनी ओर किसी विशालकाय ब्लैक होल की तरह खींच सकता है. समझ यह नहीं आ रहा है कि यह मैग्नेटार है, सुपरनोवा है, या फिर ब्लैक होल. फिलहाल वैज्ञानिक इसकी स्टडी कर रहे हैं.

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