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अंतरिक्ष में इंसानों के बसने को लेकर वैज्ञानिको ने चेताया, बोले- एक-दूसरे को मारकर खा जाएंगे इंसान

लंदन। अंतरिक्ष (Space) को लेकर इंसान के सपने कुछ अलग हैं और वहां के रहस्यों को जानने की कोशिश हमेशा से की जाती रही है. स्पेस(Space) की सैर से लेकर वहां बसने तक की योजना (Planning) पर भी दुनिया की कई एजेंसियां (agencies) काम कर रही हैं लेकिन यह काम कतई आसान नहीं है. स्पेस में इंसानों की बस्ती बसाने (human settlement in space) को लेकर वैज्ञानिकों ने ऐसी चेतावनी(Scientists dee warning) दी है जिससे सभी की चिंता बढ़ने वाली है.
स्पेस में इंसानों को बसाना कोई आसान काम (Settling humans in space is not an easy task) नहीं है. वैज्ञानिकों(Scientists) का कहना है कि वहां खाने की इतनी कमी होगी कि भूख लगने पर इंसान एक-दूसरे को खाने के लिए मजबूर (Human eat each other when they are hungry) हो जाएंगे. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में फसल उगाना बहुत मुश्किल है और फसल बर्बाद होने पर वहां भोजन की काफी कमी हो जाएगी.



रिपोर्ट में स्पेस में इंसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया गया है. वैज्ञानिकों ने मंगल या चंद्रमा पर प्रयोग के तौर पर इंसानी जीवन की संभावना जताते हुए बताया कि इन ग्रहों पर इंसानी बस्ती बसाई जा सकती है. उनका मानना है कि यहां पृथ्वी से सामान भेजना ज्यादा आसान होगा.
एक्सपर्ट ने यह भी बताया कि अगर स्पेस में कोई महामारी फैलती है या फिर खाने की भारी कमी होती है तो मंगल और चंद्रमा ऐसे ग्रह हैं, जहां आसानी से रसद पहुंचाई जा सकती है. इसके विपरीत सुदूर अंतरिक्ष में अगर कॉलोनी बसाई जाती है तो वहां मदद पहुंचाने में कई साल का वक्त लग सकता है.
एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर चार्ल्स कॉकेल ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की वजह से धरती पर पानी की समस्या खड़ी होने वाली है और ऐसे में स्पेस में बसना एक बेहतर विकल्प हो सकता है. हालांकि उनका मानना है कि इंसानी कॉलोनी बनाने के लिए हमें पहले हर स्तर पर साइंटिफिक टेस्ट करने होंगे और यह सिस्टम एकदम भरोसेमंद होने जरूरी है.
इतिहास की घटना को याद दिलाते हुए प्रोफेसर कॉकेल ने कहा कि कैप्टन सर जॉन फ्रेंकलिन की टीम 19वीं शताब्दी के आखिर में नॉर्थ-वेस्ट पैसेज की खोज में निकली थी और वह लोग यहां से डिब्बा बंद खाना लेकर गए थे. लेकिन फिर वह लोग स्पेस में कहीं खो गए और आखिर में टीम के सदस्यों को एक-दूसर को खाना पड़ा था.
उन्होंने कहा कि यह टीम भी हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस थी, इसके बावजूद उनका दर्दनाक अंत हुआ. इस उदाहरण से सीख लेने की सलाह देते हुए कॉकेल ने कहा कि अगर बगैर तैयारी के इंसान स्पेस में बसने जाता है तो यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है. अगर वहां खाने की कमी होती हो तो जिंदा रहने के लिए एक-दूसरे को खाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा.

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