- पिछले साल बनाई थी 4 फीट से 8 फीट तक की बड़ी मूर्तियाँ जो प्रशासन ने नहीं बेचने दी
उज्जैन। इस साल भी गणेश उत्सव 10 सितंबर से प्रारंभ होने वाला है। पिछले साल का गणेश उत्सव कोरोना की भेंट चढ़ गया था और मूर्तिकार द्वारा बनाई गई मूर्तियाँ धरी रह गई थी, इसलिए इस बार शहर के मूर्तिकार सोच रहे हैं कि गणेश जी की मूर्ति बनाई की नहीं।
गणेश उत्सव के दौरान शहर में करीब 100 से अधिक स्थानों पर बड़ी मूर्तियाँ बैठाई जाती है। वर्ष 2020 में कोरोना के कारण प्रशासन बड़ी मूर्तियाँ बेचने से मना कर दिया था और कहीं भी गणेश जी की मूर्तियां बैठाने नहीं दी गई थी और सार्वजनिक कार्यक्रम भी नहीं हुए थे। इसके चलते शहर के मूर्तिकारों की मूर्तियाँ घर में ही पड़ी रह गई। उज्जैन शहर में मूर्ति बनाने वाले छोटे बड़े मिलाकर 108 के गरीब मूर्तिकार है, जिनका घर विभिन्न त्योहारों पर स्थापित होने वाली मूर्तियों को बेचने से ही चलता है लेकिन विगत वर्ष से यह लोग परेशान हैं। इस बार भी 40 प्रतिशत के करीब ही नई मूर्तियाँ तैयार कर रहे हैं और इसमें भी उन्हें डर लग रहा है कि यह बिकेगी कि नहीं। मूर्तिकार मुकेश मालवीय ने बताया जीवन-यापन के लिए हम लोग तो मूर्तियाँ तैयार करते हैं लेकिन अब प्रशासन इसे बेचने की अनुमति दें, तभी यह बुकिंग जाएगी। पिछले साल की भी मूर्तियाँ हम सब मूर्तिकारों के घर में रखी है वही बिक जाएगी तो हमारा काम चल जाएगा। प्रशासन ने पहले भी सहायता की बात की थी लेकिन इतनी सहायता नहीं दी कि घर चल सके।