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करंट की चपेट में आने से सात नील गायों की मौत, फसलों को बचाने किसान ने खेत के चारों ओर बिछा रखे थे तार

भिंड। भिंड जिले में एक किसान की लापरवाही ने सात नील गायों की जान ले ली। करंट की चपेट में आने से सात नील गायों की मौत हो गई है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस भी मौक़े पर पहुँची। वहीं, घटना के लिए ज़िम्मेदार किसान मौक़े से फरार है।

जानकारी के मुताबिक़ घटना जिले के बरोही थाना क्षेत्र के ग्राम लाड़मपुरा में घटित हुई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गांव में खेतों पर फसल की रखवाली के लिए किसान झटका मशीन का उपयोग करने लगे हैं, क्योंकि आवारा मवेशी अक्सर खेतों में घुसकर फसलों को नुक़सान पहुंचाते हैं, लेकिन इसी गाँव के किसान मुकेश ने आवारा मवेशियों के चक्कर में सीधा तार ही ट्रांसफार्मर से खेत के चारों ओर डाल दिया जिसमें 24 घंटे करंट दौड़ रहा था। इसी तार की चपेट में आने से एक साथ सात नील गायों की मौत हो गई।

जब कुछ ग्रामीण सुबह खेतों के पास से गुज़रे। इस तरह गायों को देखते ही उन्हें माजरा समझ आ गया और उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मौक़ा मुआयना कर परिस्थिति देखते हुए पशुपालन विभाग को भी सूचित किया। जिनके मुताबिक़ मृत नील गाय में दो गर्भवती थीं। वहीं पुलिस ने करंट का तार हटवाकर मृत मवेशियों को हटवाया। साथ ही आरोपी किसान की पतासाजी कराई। लेकिन वह मौक़े पर नहीं मिला। मामले कि जानकारी लगते ही वह घर से फरार हो गया।


ग्रामीणों के अनुसार जिस खेत पर यह घटना हुई। वह गांव के मुकेश ने बटाई यानी किराए पर लिया था और उस पर खेती कर रहा था। फसल तैयार थी लेकिन मवेशियों के चक्कर में उसने फसल बचाने का गलत तरीका अपनाया। रात में अचानक नील गाय अंधेरे में करंट की चपेट में आ गई होंगी। मामला इसलिए भी गंभीर हो जाता है क्योंकि नील गाय की जगह कोई इंसान भी इस हादसे का शिकार हो सकता था।

बता दें, इन दिनों जिले में आवारा मवेशियों की वजह से किसान और वाहन चालक दोनों ही परेशान हैं। जहां एक और आवर मवेशी नेशनल और स्टेट हाईवे पर बैठने से हादसों का शिकार हो रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर रात में आवारा मवेशी खेतों में घुस कर किसान की फसल का नुक़सान करने में लगे हुए हैं। जिसे बचाने के लिये कई बार किसानों को रात रात भर खेत पर रुक कर पहरा देना पड़ता है।

किसानों को सहूलियत हो सके और फसल को नुक़सान ना हो, इसके लिए इन दिनों बाज़ार में तैयार झटका मशीन भी विकल्प के रूप में किसान उपयोग कर रहे हैं। झटका मशीन में भी तार होते हैं जिनसे खेत के चारों और फेंसिंग की जाती है इन तारों में हल्का करंट दौड़ता है जो झटका देता है लेकिन ये जान लेवा नहीं होता, लेकिन जब कोई जानवर या इंसान इसके तारों के सम्पर्क में आता है तो एक तेज़ अलार्म बजने लगता है जिसकी वजह से जानवर भी दूर रहते हैं किसान भी साइरन की आवाज़ से सतर्क हो जाते हैं। लेकिन लड़ामपुरा के किसान मुकेश ने झटका मशीन की जगह ट्रांसफ़ॉर्मर से सीधा तार जोड़कर हाई वोलटेज करंट फैला दिया।

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