मुम्बई (Mumbai)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा नई संसद के उद्घाटन को लेकर देश में खूब राजनीति हो रही है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि नए संसद भवन का उद्घाटन (new parliament building inauguration) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) की ओर से नहीं किया जा रहा है इसलिए सभी विपक्षी दल इसका विरोध करते हैं और वह इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होंगे। वहीं विपक्षी दलों के समर्थन (support of opposition parties) में शरद पवार (Sharad Pawar) भी आ गए हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि नई संसद के बारे में सरकार ने सांसदों को भरोसे में नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रम के बारे में किसी भी बात पर विचार नहीं किया गया। सभी फैसले बिना किसी विचार के लिए गए। इसलिए, कुछ वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने फैसला किया है कि हमें कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए और मैं उनके फैसले का समर्थन करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि नए संसद भवन के निर्माण के बारे में उनसे बात नहीं की गई जबकि वह वर्षों से इसके सदस्य रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैं वर्षों से सांसद रहा हूं। हम सदन में बैठते थे लेकिन नए संसद भवन के निर्माण के बारे में हमें समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला। इतना महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय सदस्यों से बात की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कांग्रेस समेत देश के सभी बड़े विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया। इससे पहले टीएमसी, आप और सीपीआई (एम) ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया था। कुल 21 पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 28 मई को नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। इसे रिकॉर्ड समय में गुणवत्तापूर्ण निर्माण के साथ बनाया गया है।
सुदर्शन पटनायक ने पुरी बीच पर बनाई नई संसद
ओडिशा के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी बीच पर नए संसद भवन की सैंड आर्ट बनाई है।
सेंगोल तमिल का गौरव है- एआईएडीएमके
एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नई संसद में स्पीकर की सीट के पास “सेंगोल” की स्थापना के लिए आभार व्यक्त किया और ऐतिहासिक सुनहरे राजदंड को तमिल गौरव, विरासत और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया।
अन्नाद्रमुक महासचिव के पत्र में लिखा है कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में लोकतंत्र के प्रतीक नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए मेरी हार्दिक बधाई। साथ ही इसमें लिखा है कि तमिल गौरव, विरासत और सांस्कृतिक विरासत को स्पष्ट करने वाले स्पीकर की सीट के पास ऐतिहासिक स्वर्ण ‘सेनगोल’ (राजदंड) स्थापित करने के लिए मैं तमिलनाडु के लोगों की ओर से आभार व्यक्त करता हूं।
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