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    Plasmacluster technology के साथ Sharp Air purifier कोरोनावायरस के खिलाफ काफी कारगर

  • October 27, 2022

    शार्प बिजनेस सिस्टम्स (Sharp Business Systems) (INDIA) प्रा. लिमिटेड, जो कि शार्प कॉरपोरेशन जापान (Sharp Corporation Japan) की एक पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय सहायक कंपनी है, तथा जिसे अपने यूनिक टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स (Unique Technology Products) एवं सोल्यूशन्स के लिए दुनिया भर में जाना जाता है, ने घोषणा की कि प्लाज़्माक्लस्टर तकनीक (PCI) के साथ लैस शार्प एयर प्यूरीफायर एयरबोर्न नोबेल कोरोनवायरस के खिलाफ काफी कारगर सिद्ध साबित हुआ है। यह एडवांस्ड स्टडी कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर, जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका में एक विश्व प्रसिद्ध रिसर्च इंस्टिट्यूट है में आयोजित की गयी थी।

    इस एयरबोर्न वायरस स्टडी में,ओमाइक्रोन बीए.1 वेरिएंट को एक हाइली कंसन्ट्रेटेड सोल्युशन,जो कि नोवेल कोरोनवायरस(सार्स -सीओवी -2 )का एक म्युटेटेड स्ट्रेन है जिसे एरोसोल के रूप में 102 लीटर टेस्ट बॉक्स में छिड़कने के बाद प्लाज़्माक्लस्टर आयन (आयन डेंसिटी लगभग 25,000 पीसी / सेमी 3) को एयरबोर्न वायरस को कम करने की प्रभावशीलता को वेरिफाई करने के लिए रिलीज़ किया जाता है। इसके परिणामों ने वायरस इन्फेक्शस टिटर (एक्सपोज़र के 15 मिनट बाद 99.3% की कमी) में भारी गिरावट दिखाई, जो कि यह दर्शाता है कि प्लाज़्माक्लस्टर तकनीक म्युटेटेड और हाइली इन्फेक्शस एयरबोर्न ओमाइक्रोन वेरिएंट के खिलाफ काफी प्रभावी एवं कारगर है।

    इस डेवलपमेंट पर टिप्पणी करते हुए, नरीता ओसामू, मैनेजिंग डायरेक्टर, शार्प बिजनेस सिस्टम्स (इंडिया) प्रा. लिमिटेड ने कहा, “पिछले कुछ सालों से, शार्प ने कई प्रोडक्ट सोल्युशन पेश किए हैं और महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने और उनका समाधान करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ अहम् भागीदारी की है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर द्वारा की गयी यह लेटेस्ट स्टडी इसी एक ऐसी अकादमिक साझेदारी का हिस्सा है, जहां परिणामों ने महामारी के प्रभाव को संबोधित करने में प्लाज़्माक्लस्टर प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण योगदान की पुष्टि की है। पिछले दो वर्षों में सामने आए नोवेल कोरोनावायरस (सार्स -सीओवी -2) के म्यूटेशन की बढ़ती संख्या के साथ, हम मानते हैं कि इस स्टडी के परिणाम ह्यूमन सेफ्टी कंसर्नस को दूर करने के लिए एक नई दिशा प्रदान करते हैं। ”
    “प्लाज़्माक्लस्टर तकनीक ऑफिस, घर, मेडिकल सुविधाओं एवं वाहनों सहित रियल स्पेसेस में इन्फेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए काफी उपयोगी है। हमारा यह प्लाज़्माक्लस्टर डिवाइस प्रभावी रूप से आयन के हाइली कंसंट्रेशन क्षमता के साथ विकसित किया गया है इसके साथ ही हम लगातार अपने प्रोडक्ट को और अधिक बेहतर बनाने के लिए भी काम कर रहे हैं ताकि कोरोनवायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी ढंग से योगदान दिया जा सके।”उन्होंने आगे कहा।



    कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर मोरिया सूजी ने कहा, “साल 2020 से, सार्स -सीओवी -2 वायरस के कारण होने वाला कोविड-19 का प्रकोप दुनिया भर में एक विस्फोटक के रूप में फैला जोकि मानवता के लिए अभी भी संकट का कारण बना हुआ है। यह हमारे इम्यून सिस्टम से बचने के लिए खुद को लगातार म्यूटेट करते हुए फैलता जा रहा है, और हमारे समाज के लिए अभी भी लगातार एक खतरा बन हुआ है। टीकाकरण के अलावा, सार्स -सीओवी -2 वायरस के व्यापक प्रसार संक्रमण को रोकने के लिए बहुआयामी सुरक्षात्मक उपायों को नियोजित करना बेहद जरुरी है। इसके साथ ही हमारा दृढ़ विश्वास है कि रेस्पिरेटरी वायरस इन्फेक्शन के खिलाफ एक काउंटर के रूप में प्लाज़्माक्लस्टर की यह तकनीक भविष्य में हमारे समाज के लिए एक अहम् भूमिका निभाएगा। ”

    साल 2000 में प्लाज़्माक्लस्टर आयन तकनीक से लैस अपने पहले एयर प्यूरीफायर की शुरुआत के बाद से ही, शार्प की प्रोपराइटरी एयर प्यूरीफिकेशन टेक्नोलॉजी वायरस, बैक्टीरिया, मोल्ड एवं ओडोर (गंध) के खिलाफ काफी प्रभावी पाई गई। शार्प ने अपनी 23 कैटेगरीज के तहत दुनियाभर में 100 मिलियन से अधिक प्रोडक्ट्स की बिक्री की है, जो कि प्लाज़्माक्लस्टर आयन तकनीक से लैस है, और जिसमें एयर प्यूरीफायर, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर और एडिशनल प्रोडक्ट कैटेगरीज शामिल हैं। इसकी पीसीआई तकनीक को आईआईटी दिल्ली सहित 35 से अधिक ग्लोबल सइंटिफ़िक इंस्टीट्यूशंस द्वारा टेस्टेड और सर्टिफाइड किया गया है।
    प्लाज़्माक्लस्टर तकनीक का उपयोग करते हुए, नेगटिवली चार्ज ऑक्सीजन और पॉजिटिवली चार्ज हाइड्रोजन आयनों को एक साथ वातावरण में छोड़ा जाता है, जिससे कि पॉजिटिव और नेगेटिव आयन तुरंत ही एयरबोर्न जर्म्स, फंगस, वायरस तथा एलर्जी से जुड़ जाते हैं। फिर एक केमिकल प्रक्रिया के माध्यम से उनकी सतह पर प्रोटीन को डिग्रेड करके, यह एयर फिल्ट्रेशन मेथड बैक्टीरिया की गतिविधियों को कम कर देता है। जापान के बाहर 13 से अधिक टेस्टिंग इंस्टीट्यूशंस ने एयरबोर्न सेराटिया बैक्टीरिया जो कि हॉस्पिटल से प्राप्त संक्रमण का एक स्रोत है (डॉ मेल्विन डब्ल्यू फर्स्ट, यूएस),एयरबोर्न इन्फ्लुएंजा वायरस (इंस्टिट्यूट पाश्चर, वियतनाम),तथा ट्यूबरक्लॉसिस हॉस्पिटल्स में ट्यूबरक्लॉसिस इन्फेक्शन्स के जोखिम को कम करने में क्लीनिकल ​​प्रभावशीलता(नेशनल सेंटर ऑफ ट्यूबरक्लॉसिस एंड लंग डिजीज, जॉर्जिया) जैसे हानिकारक पदार्थों को दबाने में प्लाज़्माक्लस्टर तकनीक की प्रभावशीलता को साबित किया है।

    कोलंबिया यूनिवर्सिटी, यूएसए द्वारा आयोजित एयरबोर्न कोरोनावायरस वेरिफिकेशन टेस्ट के परिणाम
    टेस्ट रिजल्ट्स द्वारा पुष्टि हुई है कि प्लाज़्माक्लस्टर आयनों के संपर्क में आने के बाद इन्फेक्शस वायरस की संख्या में 99% से अधिक की कमी आई है।

     

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