उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

सिंहस्थ क्षेत्र अतिक्रमण..5 साल में कोई कार्रवाई नहीं

  • सिंहस्थ क्षेत्र से नहीं हट रहा अतिक्रमण-550 चिन्हित अतिक्रमण हैं लेकिन एक भी नहीं हटा
  • अवैध कॉलोनियों की भी होगी जाँच -एसडीएम और मुख्य नगर पालिका अधिकारी होंगे जिम्मेदार

उज्जैन। सिंहस्थ 2016 के बाद सिंहस्थ क्षेत्र में हुए अतिक्रमणों की जाँच साल 2018 में तत्कालिन कलेक्टर मनीष सिंह करा गए थे। इसमें 550 अतिक्रमण और अवैध निर्माणों की रजिस्ट्रियों का ब्यौरा भी रजिस्टार कार्यालय ने कलेक्टर कार्यालय का भेज दिया था। हाल ही में उज्जैन से ट्रांसफर हुए कलेक्टर आशीष सिंह तो 300 से अधिक सिंहस्थ क्षेत्र में हुए अतिक्रमणों पर कार्रवाई के निर्देश भी दे चुके हैं, लेकिन वर्तमान कलेक्टर ने इस पूरे मामले में एक बार फिर नए सिरे से जाँच करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ 2016 के आयोजन में अधिगृहीत की गई 3 हजार हेक्टेयर जमीन भी ऐनवक्त पर कम पड़ गई थी। इसके बाद शासन को साधु-संतों के पांडाल और पार्किंग के लिए अलग से 400 हेक्टेयर के लगभग जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी करना पड़ा था तब जाकर 2016 का सिंहस्थ आयोजित हो पाया था। इसके पीछे वजह यह थी कि 2016 सिंहस्थ तक मेला क्षेत्र में 550 से ज्यादा अवैध निर्माण और अतिक्रमण हो गए थे। इनमें बडऩगर रोड से लेकर इंदौर रोड, आगर रोड तथा घट्टिया तहसील के अंतर्गत आने वाले सिंहस्थ मेला क्षेत्र के हिस्से में कई जगह अवैध कॉलोनियाँ, होटलें से लेकर ढाबे, टीनशेड, अवैध मकान आदि के लगभग 500 से ज्यादा अतिक्रमण हो चुके थे।


इसका विरोध तब भी अभा अखाड़ा परिषद् ने जताया था। इसके बाद तत्कालिन कलेक्टर मनीष सिंह ने राजस्व अमले को लगाकर पूरे सिंहस्थ मेला क्षेत्र का सर्वे कराया था और इसमें पता चला था कि साल 2016 से 2018 के बीच सिंहस्थ क्षेत्र में 550 से ज्यादा अवैध निर्माणों की रजिस्ट्रियां हो चुकी है। इसका रिकार्ड भी रजिस्टार कार्यालय ने कलेक्टर कार्यालय को सौंप दिया था और उस दौरान जिला प्रशासन ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र में निर्माण तथा नई रजिस्ट्रियों पर रोक लगा थी और चिह्नित किए गए अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई भी मंगलनाथ क्षेत्र से शुरू कर दी थी। उसके बाद से कई कारणों के चलते यह कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई। इधर करीब 4 महीने पहले फिर से जिला प्रशासन ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र के 300 से अधिक अतिक्रमण और अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन यह भी आगे नहीं बढ़ पाई। इसी बीच इस वर्ष 13 जनवरी को अभा अखाड़ा परिषद् अध्यक्ष महंत रविन्द्रपुरी महाराज उज्जैन आए थे तथा वे तीन दिन यहाँ रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से आगामी सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर औपचारिक चर्चा भी की थी। इसके अलावा सिंहस्थ 2016 के दौरान मेला क्षेत्र में चिह्नित किए गए 500 से अधिक अवैध निर्माण और अतिक्रमणों के विरुद्ध जिला प्रशासन ने अब तक क्या कार्रवाई की है इसकी जानकारी भी ली थी। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि जिला प्रशासन को सख्ती से सिंहस्थ मेला क्षेत्र के अतिक्रमण हटाना चाहिए, क्योंकि आगामी सिंहस्थ में अब 5 वर्ष से कम का समय शेष रह गया है।

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