भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

आदिवासी हॉस्टलों में चलेंगी स्मार्ट कक्षाएं

An empty classroom.
  • भोपाल से ऑनलाइन पढ़ाएंगे शिक्षक

भोपाल। सरकार जनजातीय विभाग के हॉस्टलों में स्मार्ट क्लास शुरू करने जा रही है। योजना के तहत अधिकारियों ने तैयारियां प्रारंभ कर दी है। चालू शैक्षिक सत्र में ट्रायल के रूप में कन्या शिक्षा परिषद (केएसपी) के तीन व एक एकलव्य छात्रावास को चिह्नित किया है। इसी माह से कक्षाएं शुरू होंगी। हॉस्टल के छात्रों को भोपाल से शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाएंगे। जन जातीय विभाग कन्या शिक्षा परिषद योजना के तहत आदिवासी बच्चों के लिए आवासीय हॉस्टलों में सेंट्रल और नवोदय विद्यालयों जैसी सुविधाएं देने की तैयारी की है। जनजातीय विभाग चालू शैक्षणिक सत्र में शिक्षकों की कमी को देखते हुए ऑनलाइन क्लास शुरू करने की तैयारी कर रही है। सबकुछ योजना के तहत हुआ तो भोपाल से ट्रायल कक्षाएं चलेंगी। सफलता पर अगले शैक्षणिक सत्र में ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी। ट्रायल के लिए खंडवा के रजूर, आशापुर और खेडी में कन्या शिक्षा परिषद के हॉस्टल को लिया है। तीनों हॉस्टलों में लड़कियों को पढऩे के लिए 1350 सीटें हैं। ट्रायल क्लास के लिए रोशनी में 450 सीटर एकलव्य छात्रावास को भी शामिल किया गया है।



30-30 करोड़ के आवासीय हॉस्टल
कन्या शिक्षा परिषद योजना के तहत खंडवा के रजूर, आशापुर, खेड़ी में 30-30 करोड़ के आवासीय हॉस्टल लड़कियों के लिए बनकर तैयार हो गया है। तीनों में ऑनलाइन क्लास शुरू करने के लिए चिह्नित किया गया है। इसके अलावा पंधाना और पुनासा में भी एक-एक केएसपी के आवासीय हॉस्टल बनाए जाएंगे। दोनों जगहों पर भूमि फाइनल हो गई है। आदिवासी बेटियों के पढऩे के लिए विशेष हॉस्टल बनाए जा रहे हैं।

हॉस्टलों में मिलेंगी तकनीकी सुविधा
केएसपी के बनाए गए विशेष हॉस्टल में बेटियां को कंप्यूटर लैब समेत अन्य तकनीकी सुविधाएं मिलेंगी। प्रवेश की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अगस्त माह में ट्रायल के साथ पठन-पाठन का कार्य प्रारंभ करने की कार्य योजना तैयार की है। यहां पर छात्राओं को खेलकूद, कपड़ा, भोजन समेत स्टेशनरी की सुविधाएं मिलेंगी।

40 फीसदी से ज्यादा स्टाफ की कमी
कन्या शिक्षा परिषद समेत अन्य हॉस्टलों में स्टाफ की चालीस फीसदी से ज्यादा स्वीकृत पद रिक्त हैं। इससे नए आवासीय हॉस्टलों में अभी तक शिक्षक समेत अन्य स्टाफ की नियुक्त नहीं हो सकी है। इससे ऑनलाइन पढ़ाई की कार्य योजना बनाई जा रही है।

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