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अब तक Kabul से छह उड़ानों में 626 भारतीय लाये गए स्वदेश

– पड़ोसी देश अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर केंद्र सरकार की है पैनी नजर

नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को कहा कि “ऑपरेशन देवी शक्ति” (“Operation Devi Shakti”) के तहत अफगानिस्तान से स्वदेश लौटने (return home from Afghanistan) की इच्छा रखने वाले अधिकांश नागरिकों को निकाल लिया गया है और वह पड़ोसी देश के मौजूदा हालात पर सावधानीपूर्वक निगाह रखे है। अब तक 6 अलग-अलग उड़ानों में 626 लोगों को अफगानिस्तान से भारत लाया जा चुका है जबकि विदेश मंत्रालय ने यह संख्या 550 बताई है जिनमें 260 से अधिक भारतीय नागरिक थे। भारत अभी भी अफगानिस्तान से निकासी उड़ानों का संचालन करने की कोशिश में है ताकि वहां फंसे और भारतीयों को स्वदेश लाया जा सके।


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत का ध्यान अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने पर रहा है। आज भी मौजूदा हालात की भारत बहुत सावधानी से निगरानी कर रहा है क्योंकि यह एक उभरती हुई स्थिति है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देगा तो बागची ने कहा कि काबुल में सरकार बनने के बारे में अभी तस्वीर साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्थितियों को देखते हुए फिलहाल मुख्य चिंता लोगों की सुरक्षा और उनकी सुरक्षित वापसी की है। बागची ने कहा कि भारत अभी भी अफगानिस्तान से निकासी उड़ानों का संचालन करने की कोशिश में है ताकि वहां फंसे और भारतीयों को स्वदेश लाया जा सके।

भारतीय राजनयिकों के हस्तक्षेप के बाद 22 अगस्त को दोहा, ताजिकिस्तान और काबुल के रास्ते तीन उड़ानों के जरिये 390 भारतीयों को लाया गया। दोहा और ताजिकिस्तान से आईं उड़ानें 222 यात्रियों के साथ आधी रात को दिल्ली पहुंची जबकि काबुल से 168 यात्रियों को लेकर भारतीय वायु सेना का एक विमान सुबह 10.30 बजे हिंडन एयरबेस पर उतरा जिसमें 107 भारतीय नागरिक भी थे। इससे पहले जब 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान ने प्रवेश किया था, उसी दिन भारत ने अपने नागरिकों को लाने के लिए वायुसेना का कार्गो प्लेन सी-17 ग्लोबमास्टर भेजा था। काबुल के अलग-अलग ठिकानों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए दो टीमें बनाई गई थीं। पहली टीम में 46 लोग थे जिन्हें 16 अगस्त को सुबह भारत लाया गया।

दूसरी टीम में भारत के राजदूत, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 99 कमांडो, तीन महिलाओं और दूतावास स्टाफ समेत करीब 150 लोग थे। इन्हें लाने के लिए भारतीय वायुसेना ने 16 अगस्त को कार्गो विमान सी-17 ग्लोबमास्टर काबुल भेजा। रात भर इन्तजार के बाद 17 अगस्त की सुबह अमेरिकी सैनिकों की कड़ी सुरक्षा के बीच भारतीय वायुसेना का कार्गो विमान काबुल से रवाना हो सका जो सुबह 11.20 बजे गुजरात के जामनगर एयरबेस पर उतरा। इसके बाद कार्गो विमान को शाम 6 बजे के करीब हिंडन एयरबेस लाया गया। इस विमान में करीब 150 लोगों को भारत लाया गया जिसमें भारतीय राजदूत आर. टंडन समेत दूतावास के कई कर्मचारी, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी और कुछ भारतीय पत्रकार शामिल हैं। इस तरह 16 अगस्त को 46 लोगों, 17 अगस्त को 150 लोगों, 22 अगस्त को तीन उड़ानों के जरिये 390 लोगों और काबुल से अंतिम उड़ान में 25 अगस्त को 40 लोगों यानी अब तक छह उड़ानों में कुल 626 लोगों को भारत लाया गया है।

इसके विपरीत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि अब तक अफगानिस्तान से 550 से अधिक लोगों को भारत लाया गया है जिनमें से 260 से अधिक भारतीय थे। उन्होंने बताया कि अंतिम उड़ान में भारत आने को तैयार काफी संख्या में अफगान सिख और हिंदुओं सहित कुछ अफगान नागरिक नियत समय हवाई अड्डे पर नहीं पहुंच सके, इसलिए उन्हें नहीं लाया जा सका। उन्होंने कहा कि अभी भी मुख्य रूप से हमारा ध्यान भारतीय नागरिकों को वापस लाने पर है लेकिन हम उन अफगानों के साथ भी खड़े होंगे जो हमारे साथ खड़े थे। प्रवक्ता बागची ने कहा कि भारत आने वाले अफगानों के लिए भारतीय गृह मंत्रालय ने छह माह अवधि के आपातकालीन ई-वीजा की घोषणा की है। इसी छह महीने की वीजा व्यवस्था के तहत लोगों को लाया जा रहा है। (एजेंसी, हि.स.)

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