इंदौर न्यूज़ (Indore News)

मास्टर प्लान, इंदौर बायपास कंट्रोल एरिया, टीडीआर सहित सोलर प्रोजेक्ट की आज भोपाल में समीक्षा

प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को बुलाया, प्रेस कॉम्प्लेक्स, सत्यसांई हॉस्पिटल सहित अन्य मुद्दों पर भी लेंगे जानकारी

इंदौर, राजेश ज्वेल। आज भोपाल (Bhopal) में नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्रालय के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने इंदौर से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें इंदौर के प्रस्तावित 2035 के मास्टर प्लान के साथ-साथ इंदौर बायपास के कंट्रोल एरिया को साढ़े 22 मीटर रखने, टीडीआर पॉलिसी के आधार पर रिसीविंग झोन का निर्धारण और जलूद में स्थापित होने वाले निगम के सोलर प्रोजेक्ट के साथ-साथ प्राधिकरण से जुड़े प्रेस कॉम्प्लेक्स सहित नगर तथा ग्राम निवेश से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। लिहाजा निगमायुक्त, प्राधिकरण सीईओ, संयुक्त संचालक (Corporation Commissioner, Authority CEO, Joint Director) नगर तथा ग्राम निवेश सहित अन्य अधिकारियों को बुलाया गया है।


इंदौर बायपास की एक तरफ की सर्विस रोड को नगर निगम फोर लेन में तब्दील तो कर ही रहा है, वहीं प्रशासन ने कुछ समय पूर्व 45 मीटर के कंट्रोल एरिया को घटाकर साढ़े 22 मीटर करने का प्रस्ताव भिजवा रखा है, ताकि शेष साढ़े 22 मीटर जमीन का इस्तेमाल सर्विस रोड को चौड़ा करने और भविष्य में अगर मेट्रो आती है तो उसके लिए सुरक्षित रखी जा सकती है और शेष साढ़े 22 मीटर जमीन का उपयोग जमीन मालिक अपनी मर्जी से कर सकेंगे और एक तरह से यह मुआवजे की क्षतिपूर्ति होगी। अभी 45 मीटर के कंट्रोल एरिया में किसी तरह की अनुमति नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा नहीं दी जाती है। आज भोपाल में प्रमुख सचिव मंडलोई ने इंदौर के प्रस्तावित मास्टर प्लान 2035 की अब तक हुई तैयारियों की जानकारी नगर तथा ग्राम निवेश से मांगी है, साथ ही टीडीआर पॉलिसी, प्रेस कॉम्प्लेक्स सहित सोलर प्रोजेक्ट की समीक्षा भी की जाएगी। वहीं एक मुद्दा सत्यसांई हॉस्पिटल का भी है, जिसके लिए सडक़ की चौड़ाई 24 मीटर से घटाकर 18 मीटर करने की मांग की जा रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए निगम, प्राधिकरण और नगर तथा ग्राम निवेश के इंदौर स्थित अधिकारी जहां भोपाल पहुंचे हैं, वहीं संचालक केसी गुप्ता सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

70 से अधिक बड़े नक्शों के साथ विकास योजना का बेस मैप भी तैयार

इंदौर के मास्टर प्लान 2035 की कवायद चल रही है और सबकी मांग है कि आचार संहिता लगने से पहले कम से कम प्रारूप का प्रकाशन भी हो जाए, ताकि दावे-आपत्ति, कोर्ट-कचहरी की प्रक्रिया चलती रहेगी। मास्टर प्लान के लिए 70 से अधिक बड़े नक्शे, यानी बेस मैप भी तैयार कर लिया है, जिसमें रोड नेटवर्क, ड्रेनेज, भू-उपयोग, ग्रीन बेल्ट से लेकर मेट्रो विस्तार सहित अन्य बड़े प्रोजेक्टों को भी शामिल किया गया है। अब देखना यह है कि मास्टर प्लान का प्रारूप प्रकाशन कब तक किया जाता है।

70 हजार एकड़ का रिसीविंग झोन होना है तय

टीडीआर पॉलिसी शासन ने लागू कर दी और उसके आधार पर नगर निगम ने सडक़ चौड़ीकरण से प्रभावित हुए लोगों को सर्टिफिकेट भी बांट दिए, मगर अभी तक रिसीविंग झोन तय नहीं किया। पिछले दिनों नगर तथा ग्राम निवेश ने लगभग 70 हजार एकड़ का रिसीविंग एरिया तैयार कर शासन को भिजवा दिया है। आज प्रमुख सचिव द्वारा बुलाई गई बैठक में टीडीआर के लिए रिसीविंग एरिया तय करने पर भी चर्चा होगी।

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