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देश को बदनाम करने हद तक नीचे उतरे कुछेक मीडिया संस्‍थान: विहिप


नई दिल्‍ली । एक तरफ कोरोना (कोविड-19) वायरस (Corona virus infection) के संक्रमण से देश का बुरा हाल है। केंद्र की मोदी सरकार (Modi government at the center) के साथ सभी राज्‍यों की सरकारें इससे मुकाबला करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहीं हैं। दूसरी तरफ मीडिया (MEDIA) के कुछ संस्‍थान ऐसे भी हैं, जो इस विकट स्‍थ‍िति में विदेशी हवाले से भारत व केंद्र सरकार को बदनाम करने में तत्परता से जुटी हैं। विश्व हिन्दू परिषद Vishwa Hindu Parishad(विहिप) ने इस पर कड़ी आपत्‍त‍ि दर्ज की गई है।

विश्व हिन्दू परिषद (VHP) का आरोप है कि कुछेक मीडिया संस्थान अपने स्‍तर पर झूठी खबरें चलाकर देश के लोगों को भड़काने एवं उनके मनोबल को तोड़ने के काम में लगे हैं।

विहिप (VHP) के राष्‍ट्रीय राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता विनोद बंसल (National National Spokesperson Vinod Bansal) ने ट्वीटर पर एक समाचार-पत्र का हवाला देकर अपनी बात केंद्र व राज्‍य सरकारों के सामने रखी है। बंसल की मांग है कि ऐसे सभी मीडिया संस्थानों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए जो भारत को लेकर गलत बयानबाजी या सूचनाएं फैलाने में संलग्‍न हैं।


उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘झूठ फैलाता….हालांकि खबर का शीर्षक उसी से बेमेल है। किन्तु फिर भी सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा स्पष्टीकरण या कार्यवाही अपेक्षित है। पहले से ही संकटग्रस्त देशवासियों का मनोबल तोड़ने व देश को बदनाम करने में जुटे लोगों पर अंकुश जरूरी है।’

इसके तुरंत बाद उन्होंने एक दूसरा ट्वीट किया और कहा, ”माननीय प्रधानमंत्री जी, कुछ भारत विरोधी पत्रकार व मीडिया हाउस विदेशी अखबारों व सोशल मीडिया की शरण लेकर पूरी ताकत के साथ इस कोरोना महासंकट काल में भी भारत विरोधी दुष्प्रचार में जुटे हैं।”

इसके साथ ही बंसल ने एक टीवी पत्रकार के लिखे को भी उसकी वॉल के साथ साझा किया है, जिसमें वे इस समाचार-पत्र की प्रशंसा कर रहे हैं। अपने आप को देश का सबसे अधिक प्रसार संख्या में छपने का दावा करने वाला अखबार कहे जाने वाले इस दैनिक ने ”भारत में कोरोना से मौतों की वास्तविक संख्या पांच गुना अधिक, असल संख्या छिपाने के लिए राज्य सरकारों पर केंद्र का दबाव” शीर्षक से खबर छापी है। इसके लिए यह समाचार पत्र ”अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स” का हवाला देता दिखता है, लेकिन पूरी खबर पढ़ने के बाद कहीं इस बात का जिक्र नहीं कि कैसे केंद्र सरकार ने राज्‍यों पर मौंत के आकड़े छिपाने के लिए दबाव डाला है”।

इस बारे में विश्‍व हिन्‍दू परिषद (विहिप) के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता विनोद बंसल का कहना है कि पूरी खबर में न किसी के नाम के हवाले से और न ही किसी सूत्र के हवाले से इस बात का जिक्र किया गया है कि कैसे मोदी सरकार या देश के डॉक्‍टर्स भ्रामक जानकारी दे रही है?

उन्‍होंने कहा कि ऐसे समाचार आने से देश के लोगों का मनोबल टूटता है, लोगों का केंद्र व अपनी राज्‍य सरकारों से तो भरोसा उठता ही है। साथ ही इस कोरोना काल के भीषण संकट में उनका इस वायरस से लड़ने के प्रति जो आत्‍मविश्‍वास है वह भी कमजोर होता है।

बंसल ने इसी के साथ पत्रकार बरखा दत्‍त को भी कठघरे में खड़ा किया है, उन्‍होंने हिन्‍दुस्‍थान समाचार से खास बातचीत में कहा है कि रविश कुमार की तरह ही वे जिस तरह से लिख रही हैं, बोल रही हैं, वह भारत राष्‍ट्र को कहीं ना कहीं कमजोर करनेवाला ही है।

उन्‍होंने उनकी ट्वीटर पोस्‍ट का हवाला देते हुए बताया कि किस तरह से बरखा दत्‍त नकारात्‍मक खबरों को चलाकर देश के मनोबल को तोड़ने के काम में लगी हैं।

दूसरी ओर सरकार ने भी समाचार पत्र के दावे का खंडन किया है। पत्र सूचना कार्यालय के फैक्ट चेक विभाग ने इस खबर का खंडन किया है। पीआईबी फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल से कहा गया है कि ऐसा दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस से जुड़े डेटा को छिपाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जा रहा है। यह दावा फर्जी है। कोविड-19 सम्बन्धी आंकड़े सभी राज्य सरकारों द्वारा स्वतंत्र रूप से प्रदान किए जा रहे हैं और इस पर केंद्र सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

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