- सुझाव सुनकर अफसर भी चौंके, मुश्किल से माने विधायक
इन्दौर (Indore)। शहर की धडक़न माने जाने वाले शास्त्री ब्रिज को तोडक़र नया ब्रिज (new bridge) बनाने को लेकर शुक्रवार को कलेक्टोरेट में हुई अधिकारियों- जनप्रतिनिधियों (Officials – People’s Representatives) की बैठक में कुछ सुझाव ऐसे आए कि अफसरों ने अपना माथा पकड़ लिया। किसी जनप्रतिनिधि ने कहा कि शास्त्री ब्रिज को बिना तोड़े दोनों तरफ से चौड़ा कर दो, तो किसी ने सुझाव दिया कि पहले आधा हिस्सा तोडक़र उसे बनाओ, तब तक दूसरी तरफ से ट्रैफिक गुजरता रहेगा। कुछ भी करो, लेकिन कोई रास्ता निकालो। बाद में अफसरों और अन्य जनप्रतिनिधियों की समझाइश पर बात बनी और तय हुआ कि वर्तमान शास्त्री ब्रिज तोडक़र ही नया ब्रिज बनाया जा सकता है।
बैठक में ये सुझाव विधायक रमेश मेंदोला और आकाश विजयवर्गीय ने दिए। हालांकि, इसके पीछे उनकी मंशा यही थी कि जनता को कम से कम तकलीफ हो, लेकिन उनके सुझाव व्यावहारिक नहीं थे। अफसरों से दोनों विधायकों ने यही कहा कि कोई न कोई रास्ता निकालो, कुछ भी करो, लेकिन ब्रिज मत तोड़ो। बाद में सांसद शंकर लालवानी और कलेक्टर इलैया राजा टी. ने बात संभाली, क्योंकि व्यावहारिक रूप से दोनों ही सुझाव उचित नहीं थे। शास्त्री ब्रिज के साथ परेशानी यह है कि यह ब्रिज 70 साल की उम्र पूरी कर चुका है। रेलवे भी इस ब्रिज से परेशान हो चुका है, क्योंकि इसके पिलर कम दूरी पर बने हैं और ब्रिज की ऊंचाई भी जरूरत से कम है। ब्रिज के निचले हिस्से में रेल लाइनों के लिए बॉटल नेक बन गया है। वहां न तो नई रेल लाइन बिछाई जा सकती है, न आड़े-तिरछे प्लेटफॉर्म सीधे या लंबे किए जा सकते हैं। इसके अलावा रेल विद्युतीकरण के लिए लगाए गए बिजली के तार भी कम ऊंचाई पर लगाए गए हैं। यही वजह है कि इंदौर रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट के तहत रेलवे ने अपने खर्च से शास्त्री ब्रिज नया बनाने की योजना बनाई गई है। जब ब्रिज नया बनेगा, तभी ये खामियां और कमियां दूर की जा सकती हैं।
दो साल में पूरा करने का लक्ष्य…नेता बोले और जल्दी बनाओ
बैठक में पश्चिम रेलवे के अफसरों ने नेताओं को बताया कि ठेका देने के बाद रेलवे जिस एजेंसी को काम सौंपेगा, उससे दो साल में स्टेशन रिडेवलपमेंट और ब्रिज निर्माण का काम पूरा करा लिया जाएगा। इस पर शहर के नेताओं ने कहा कि कम से कम शास्त्री ब्रिज के निर्माण के लिए दो साल बहुत ज्यादा हैं। अधिकतम एक-डेढ़ साल में ब्रिज बनकर तैयार हो जाना चाहिए, क्योंकि ज्यादा समय तक शहर के ट्रैफिक को डायवर्ट करने से ट्रैफिक जाम समेत दूसरी परेशानियां खड़ी हो जाएंगी। फिर रेलवे अफसरों ने भी ब्रिज का काम जल्द से जल्द करवाने का भरोसा दिया। बैठक में शास्त्री ब्रिज निर्माण के दौरान ट्रैफिक सरदार पटेल और राजकुमार रेल ओवरब्रिज पर डायवर्ट करने पर भी चर्चा हुई। रेलवे अफसरों को भी बताया गया कि शास्त्री ब्रिज का ट्रैफिक इन्हीं दोनों ब्रिजों पर दबाव बढ़ाएगा, इसलिए नया ब्रिज जल्द बनना जरूरी है।
