- मोबाइल मैसेज से उपभोक्ताओं को पता नहीं चल पा रहा महीने में खपत हुई यूनिट का-बिल सुधार का काम झोनों पर नहीं हो रहा, मुख्यालय भेज रहे
उज्जैन। पेपरलेस बिल व्यवस्था शुरु होने के बाद सभी झोनों में करीब-करीब मीटर रीडिंग लेना भी बंद हो गई है। ऐसे में उपभोक्ताओं को मिल रहे मैसेज में महीने की यूनिट खपत का पता नहीं चल पा रहा। पुराने जुड़कर आ रहे बकाया राशि के सुधार के लिए भी मुख्यालय भेजा जा रहा है।
वैसे तो विद्युत वितरण कंपनी पिछले 3 साल से घरों में स्मार्ट मीटर लगवा रही है। बावजूद इसके अभी भी आधे से ज्यादा उपभोक्ताओं के यहाँ स्मार्ट मीटर लगना शेष है। इधर वर्तमान माह से विद्युत वितरण कंपनी ने सभी झोन क्षेत्रों में पेपरलेस बिल व्यवस्था शुरु कर दी है। नई व्यवस्था में उपभोक्ताओं के मोबाइल पर बिल की राशि के मैसेज भेजे जा रहे हैं। इसमें चालू माह का बिल कितने यूनिट का है तथा इसमें पिछला बकाया आदि कितना जोड़ा गया है। इसका विवरण उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा। दूसरी समस्या यह है कि पेपरलेस बिल व्यवस्था आरंभ होने के बाद से कार्तिक मेला झोन क्षेत्र में उपभोक्ताओं के घर जहाँ अभी स्मार्ट मीटर नहीं लगे हैं, वहाँ भी मीटर रीडिंग बंद कर दी गई है।
पहले जिन उपभोक्ताओं के यहाँ स्मार्ट मीटर नहीं लगे थे उनके यहाँ विद्युत कंपनी का मीटर रीडर पहुँचता था तथा हर महीने रीडिंग लेकर जाता था, उसके बाद ही बिल जारी होते थे। ऐसे उपभोक्ताओं का कहना है कि बगैर स्मार्ट मीटर व रीडिंग के उन्हें केवल बिल की राशि जमा करने के मैसेज आ रहे हैं। खपत का पता नहीं चल पा रहा। कई उपभोक्ताओं की समस्या यह भी है कि कोरोना काल के जो बिल शासन ने माफ किए थे उनकी राशि अभी भी नए बिल में जुड़कर आ रही है। मैसेज में इसका भी उल्लेख नहीं किया जा रहा। जानकारी के लिए झोन कार्यालय जाने पर ऐसे मामलों के निराकरण के लिए पहले बिल की प्रिंट निकलवाने तथा सुधार के लिए मक्सी रोड स्थित विभाग के मुख्यालय जाने का कहा जा रहा है। इससे उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। Share: