आचंलिक

महिदपुर कालेज के विद्यार्थियों ने किया शैक्षणिक व औद्योगिक भ्रमण

महिदपुर। शासन के निर्देशों के परिपालन में म.प्र. उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय महिदपुर के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के सहयोग व स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा विद्यार्थियों को शैक्षणिक व औद्योगिक भ्रमण कराया गया। इसके अन्तर्गत डोंगला स्थित वराहमिहिर वेधशाला का शैक्षणिक भ्रमण तथा महिदपुर स्थित गौरिक दूध डेयरी का औद्योगिक भ्रमण कराया गया। स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. प्रज्ञा शर्मा ने बताया कि भ्रमण यात्रा सुनियोजित ढंग से महाविद्यालय परिसर से आरंभ हुई। इसके पूर्व डॉ. घनश्याम सिंह ने भ्रमण में जाने वाले समस्त विद्यार्थियों से उनके अभिभावकों द्वारा भरवाए गए स्वीकृति पत्र लिए, साथ ही आवश्यक निर्देश दिए। यात्रा को निर्देशित करते हुए प्राचार्य ने कहा कि इस प्रकार के भ्रमण विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अति आवश्यक होते हैं। शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है। जब विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण पर जाते हैं तो वे अपनी आँखों से प्रत्यक्ष रूप में देखकर किसी भी विषयवस्तु का वर्णन करने में सक्षम हो जाते हैं।



वेधशाला डोंगला का शैक्षणिक भ्रमण
महाविद्यालय के एनसीसी अधिकारी एवं भूगोल विषय के प्राध्यापक डॉ. प्रभाकर मिश्र के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने डोंगला स्थित वेधशाला का अवलोकन किया। इस अवसर पर वेधशाला प्रकल्प प्रभारी घनश्याम रत्नानी ने विद्यार्थियों को शंकु यंत्र, भास्कर यंत्र, धूप घड़ी, भित्ती यंत्र, सम्राट यंत्र आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि ये यंत्र असाधारण व अति महत्वपूर्ण यंत्र हैं। इन भारतीय यंत्रों के अनुसार ही प्राचीन काल से कालगणना होती आई है। पंचांग निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया कालांश, ग्रहों की गति आदि भी इन यंत्रों के बिना ज्ञात करना संभव नहीं है। तकनीकी विशेषज्ञ नीरज प्रजापति ने विद्यार्थियों को टेलिस्कोप दिखाते हुए कहा कि यह मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टेलिस्कोप है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। इस अवसर पर सहयोग हेतु ग्राम सरपंच प्रतिनिधि बद्रीलाल भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

गौरीक दुग्ध उत्पादन इकाई जाकर किया औद्योगिक भ्रमण
औद्योगिक भ्रमण के अंतर्गत विद्यार्थियों को बौद्धिक, प्रयोगात्मक व रचनात्मक ज्ञान के साथ-साथ नई तकनीक की जानकारी देने के उद्देश्य से गौरिक दुग्ध डेयरी का अवलोकन कराया गया। यहां दुग्ध उत्पादन से जुड़ी मशीनों की कार्य प्रणाली, सिद्धांत, तरीके, विपणन पध्दति, तकनीकी दक्षता तथा उनके लाभों से अवगत कराया गया ताकि विद्यार्थी भविष्य में इस व्यवसाय में अपना कॅरियर बना सके। प्लांट मैनेजर विकास चौधरी ने डेयरी की विभिन्न कार्यप्रणालियों और उनकी उपयोगिता की जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को दुग्ध के सेवन में बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति सचेत करते हुए कहा कि हमें कभी भी कच्चे दूध का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें खतरनाक बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो लंबे समय बाद भी दुष्परिणाम दे सकते हैं। इनमें से कुछ उबलने से नष्ट होते हैं, लेकिन दूध को बैक्टीरिया आदि से पूर्ण मुक्त करने के लिए हम पॉश्चुराईजेशन की प्रक्रिया अपनाते हैं। उन्होंने पॉश्युराईजेशन की पूरी प्रक्रिया समझाई। इस अवसर पर डॉ. प्रभाकर मिश्र, डॉ. घनश्याम सिंह व चंद्रशेखर सिंह आदि स्टाफ सदस्यों के साथ टूरिस्ट विद्यार्थी गण उपस्थित रहे।

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