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दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों के छात्र बिना टीसी ले सकेंगे सरकारी स्कूलों में दाखिला


नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi ) के प्राइवेट स्कूलों (Private schools) में पढ़ रहे ऐसे छात्र (Students) जो अब अपना नाम कटवा कर सरकारी स्कूलों (Government schools) में दाखिला लेना चाहते हैं उन्हें स्कूलों से ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बिना ट्रांसफर सर्टिफिकेट जमा कराए ही इन छात्रों को दाखिला दिया जाएगा।


प्राइवेट स्कूलों से इन छात्रों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर लेंगे। अभी तक नर्सरी, केजी और पहली कक्षा के लिए ही 28 हजार छात्रों ने सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन किया है। 91 हजार आवेदन छठीं से 12वीं कक्षा में दाखिले के लिए मिले हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसफर सर्टिफिकेट की बाध्यता खत्म होने पर और बड़ी संख्या में छात्र सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन करेंगे।
गुरुवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी दी। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना के कारण अभी तक कई लोगों का रोजगार छिन चुका है। ऐसे में कई अभिभावक प्राइवेट स्कूलों की फीस भरने की स्थिति में नहीं हैं और अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवा रहे हैं। हालांकि कई प्राइवेट स्कूल बीते 1 वर्ष की बढ़ी हुई फीस के मुताबिक बकाया राशि की मांग रहे हैं। यह राशि न मिलने पर प्राइवेट स्कूलों द्वारा ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा रहा है।
अभिभावकों को राहत प्रदान करते हुए दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि ट्रांसफर सर्टिफिकेट के बगैर ही बच्चों को स्कूल में दाखिला दिया जाएगा। ट्रांसफर सर्टिफिकेट के अलावा छात्रों के स्कूल से जुड़े अन्य दस्तावेज जमा करवाने पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिला मिल जाएगा। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों से ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने का काम स्वयं शिक्षा विभाग के अधिकारी करेंगे। इसके लिए अभिभावकों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार इस बार कोरोना के कारण बहुत से लोगों के रोजगार गए हैं। कई लोगों को व्यापार में घाटा हुआ है। स्कूल की फीस भरने के लिए भी कई अभिभावक को परेशानी हो रही है। दिल्ली सरकार ने पिछले साल से स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने दी। न केवल फीस नहीं बढ़ने दी बल्कि स्कूलों की फीस पर लगाम भी लगाई। सुनिश्चित किया कि कम से कम फीस ही वसूली जाए। हालांकि कई प्राइवेट स्कूलों ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा जिसके बाद कोर्ट से उन्हें राहत दी गई है। अब हम कोर्ट में छात्रों एवं अभिभावकों का पक्ष मजबूती से रख रहे हैं।
सिसोदिया ने कहा इसके साथ-साथ हम अभिभावकों से अपील कर करते हैं कि अगर आप चाहे तो अपने बच्चों का दाखिला दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कर सकते हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर काफी अच्छा हो गया है।

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