नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले (Chhattisgarh liquor scam case) में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा (Anil Tuteja) से रातभर पूछताछ और फिर सुबह के 4 बजे गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ईडी (Ed) को लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही ‘डरावना’ है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह ने कहा कि कोर्ट उनके साथ किए गए व्यवहार से चिंतित है। वहीं बेंच ने यह भी कहा कि ईडी का यह दुर्व्यवहार ही उनकी गिरफ्तारी को रद्द करने का आधार नहीं हो सकता। ऐसे में अनिल टुटेजा को याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाती है। वह ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दे सकते हैं।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, इस मामले में हमने बहुत ही डिस्टर्बिंग रिकॉर्ड देखा है। 20 अप्रैल 2020 को याचिकाकर्ता रायपुर के एसीबी ऑफिस में बैठा था। पहले उन्हें 12 बजे दोपहर में ईडी के सामने पेश होने का समन दिया गया। इसके बाद एक और समन एसीबी ऑफिस में ही भेज दिया गया और कहा गया कि शाम को 5.30 बजे एसीबी के सामने पेश हों। इसके बाद वैन में उन्हे ईडी ऑफिस ले जाया गया। ईडी ने पूरी रात उनसे पूछताछ की और सुबह के 4 बजे गिरफ्तार कर लिया गया।
टुटेजा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 8 अप्रैल को उनके खिलाफ गिरफ्तारी का एक आदेश रद्द कर चुका है। इसके तीन दिन बाद ही ईडी ने नया ईसीआईआर दर्ज कर लिया। यह भी पुराने तथ्यों पर ही आधारित था। ऐसे में यह गिरफ्तारी अवैध है। उन्हें हिरासत में लेने की जरूरत ही नहीं थी।
वहीं ईडी की तरफ से पेश हुए अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि ईडी के अधिकारियों को सर्कुलर जारी करके बता दिया गया है कि इस तरह का मामला अब सामने नहीं आना चाहिए। कार्यालय के समय पर ही बयान दर्ज किया जाना चाहिए और देर रात इस तरह से पूछताछ करने से बचना चाहिए। केवल अपरिहार्य स्थिति में ही रात में पूछताछ की जाए।
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