ब्‍लॉगर

जनप्रतिनिधित्व: एक कठोर साधना

– हृदयनारायण दीक्षित विविधता प्रकृति का नियम है। वैसे समूचा ब्रह्मांड एक इकाई है। कार्ल सागन जैसे विद्वान ने इसे ‘कासमोस’ कहा है। भारतीय चिंतन दर्शन में संपूर्ण प्रकृति को ब्रह्म कहा गया है। यह एक ब्रह्मांड ही भिन्न-भिन्न रूपों में हम सबको दिखाई पड़ता है। नदियाँ, पर्वत, वनस्पतियाँ, वन-उपवन और सभी जीव उसी एक […]