ब्‍लॉगर

लोकतंत्र में अपनी बात कहने के कई रास्ते, संविधान के आधार स्तम्भ को तो मत हिलाओ!

– डॉ. मयंक चतुर्वेदी संसद को लोकतंत्र के मंदिर के रूप में देखा जाता है। भारतीय संसद न सिर्फ कानून बनाती है, बल्कि देश कैसे चलेगा, भारत के लोक का भविष्य क्या होना चाहिए, उसके लिए कौन से निर्णय लेने के साथ समाज की व्यवस्थाओं से लेकर लोक कल्याणकारी राज्य शासन के लिए जो भी […]