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वैवाहिक जीवन की विसंगति है ‘मैरिटल रेप’

– प्रभुनाथ शुक्ल देश का सर्वोच्च न्यायालय ‘मैरिटल रेप’ यानी वैवाहिक बलात्कार पर आगामी 09 मई को अपनी सुनवाई करेगा। स्त्री-पुरुष के वैवाहिक संबंधों को लेकर यह मामला बेहद संवेदनशील है। सवाल उठता है कि क्या शादीशुदा जीवन में ‘बलात शब्द’ का कोई स्थान होना चाहिए। विवाह एक आपसी और जीवनपर्यन्त चलने वाला रिश्ता है। […]

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Marital Rape : पत्नी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार है या नहीं ? अगले हफ्ते तय करेगी सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्‍ली । मैरिटल रेप (marital rape) के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) की खंडपीठ के विभाजित फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई है. दरअसल, 11 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों की खंडपीठ ने अलग-अलग फैसले दिये थे. अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि मैरिटल रेप अपराध […]

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मैरिटल रेप: स्त्री-पुरुष के अधिकारों का द्वंद

– प्रभुनाथ शुक्ल ‘मैरिटल रेप’ अब सिर्फ एक शब्द नहीं, हाल के दिनों में स्त्री अधिकार और उसके विमर्श का केंद्र बन गया है। भारत जैसे उदार देश में एक तरफ तीन तलाक और हालाला जैसी कुप्रथाएं पुरुष के एकाधिकार को साबित करती हैं। वहीं, ‘मैरिटल रेप’ यानी वैवाहिक बलात्कार भी स्त्री अधिकारों का दमन […]

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marital rape: केंद्र ने कहा हम न तो पक्ष में, न ही भारतीय दंड संहिता के तहत पतियों को दी गई छूट को खत्म करने के खिलाफ

नई दिल्ली। केंद्र ने कहा वह पत्नी की रजामंदी के बिना शारीरिक संबंध (sexual intercourse without wife’s consent) को अपराध की श्रेणी में लाने के न तो पक्ष में है और न ही भारतीय दंड संहिता के तहत पतियों को दी गई छूट को खत्म करने के खिलाफ है। हाईकोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता […]

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भारत समेत इन 32 देशों में वैवाहिक दुष्कर्म नही है क्राइम, दुनिया के 150 देशों में मानते हैं अपराध

नई दिल्ली। देश में वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने की मांग (Hearing on Marital Rape) को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। यह मुद्दा केवल भारत (India) का नहीं है। दुनिया के 150 देशों में वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। वहीं, भारत समेत दुनिया के 32 देश […]

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NGO का दिल्‍ली HC के समक्ष तर्क, अपराध न घोषित होने तक वैवाहिक दुष्कर्म को माफ किया जाता रहेगा

नई दिल्‍ली । वैवाहिक दुष्कर्म (marital rape) को तब तक माफ किया जाएगा जब तक कि यह एक स्पष्ट अपराध नहीं बन जाता। शादी में सहमति को नजरअंदाज करने का एक सार्वभौमिक लाइसेंस नहीं है। दो गैर सरकारी संगठनों (NGOs) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के समक्ष यह तर्क दिया। उन्होंने […]