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रानी लक्ष्मीबाई: वीरोचित भाव जगाए मातृशक्ति

– डॉ. वंदना सेन वीरांगना नाम सुनते ही हमारे मन-मस्तिष्क में रानी लक्ष्मीबाई की छवि उभरने लगती है। भारतीय वसुंधरा को अपने वीरोचित भाव से गौरवान्वित करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सच्चे अर्थों में वीरांगना ही थीं। वे भारतीय महिलाओं के समक्ष अपने जीवनकाल में ही ऐसा आदर्श स्थापित करके विदा हुईं, जिससे हर […]

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शारदीय नवरात्रिः मातृशक्ति के सम्मान का महापर्व

– डॉ. अशोक कुमार भार्गव भारत की सांस्कृतिक चेतना के भव्य और विराट स्वरूप की अभिव्यक्ति हमारे पर्व और त्योहार हैं। यह राष्ट्रीय हर्ष, उल्लास, उमंग और उत्साह के भी प्रतीक हैं। ये देशकाल और परिस्थिति के अनुसार अपने रंग-रूप आकार में भिन्न-भिन्न हो सकते हैं और उन्हें व्यक्त करने के तरीके भी अलग-अलग हो […]

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भारत के आर्थिक विकास में बढ़ रहा है मातृशक्ति का योगदान

– प्रह्लाद सबनानी भारत की 50 प्रतिशत आबादी मातृशक्ति के रूप में विद्यमान है। देश के आर्थिक विकास को यदि पंख लगाने हैं तो इस आधी आबादी को सशक्त कर उन्हें उत्पादक कार्यों में लगाना अनिवार्य है। विशेष रूप से वर्ष 2014 में केंद्र में श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के आने के बाद से […]

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आज़ादी की 75 वीं वर्षगाँठ के दौरान कहाँ खड़ी है देश की मातृ शक्ति…

– सोनम लववंशी इस बार 15 अगस्त को हम देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहें हैं। बेशक यह हम सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है। इस आजाद भारत में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती नजर आ रही है। हमारे देश की महिलाओं ने धरती […]