ब्‍लॉगर

…मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे

– ऋतुपर्ण दवे स्वर कोकिला, स्वर साम्राज्ञी, हर दिल अजीज, सुरों की मलिका, हर किसी को अपनी आवाज से गुनगुनाने को मजबूर करने वाली अजीम शख्सियत लता दीदी कहें, लता ताई या लताजी नहीं तो लता मंगेशकर कुछ भी कह लें, बड़ी-ही खामोशी से खामोश हो गईं। जिसने भी सुना सन्न रह गया, हर किसी […]