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इकोनॉमी का बुरा दौर खत्म हुआ, दिसंबर में आएंगे अच्छे दिनः केकी मिस्त्री

 


नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अक्टूबर के पहले हफ्ते में केंद्र सरकार के लिए कई अच्छी खबरें आईं. कई आंकड़े जारी हुए हैं, जिसमें अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। अब HDFC लिमिटेड के सीईओ ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। एचडीएफसी लिमिटेड के सीईओ केकी मिस्त्री का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बुरा वक्त पीछे छूट चुका है और आर्थिक सुधार की गति उम्मीद से अधिक तेज है। उन्होंने कहा कि दिसंबर तिमाही के दौरान विकास दर पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले बेहतर रह सकती है।

उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने में भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपना लचीलापन साबित किया है। होम लोन का कारोबार करने वाली वित्तीय कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के सीईओ केकी मिस्त्री ने शनिवार को अखिल भारतीय प्रबंधन संघ की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम ये बातें कहीं। केकी मिस्त्री ने कहा कि अनुकूल ब्याज दरों का दौर आगे भी जारी रहेगा और आर्थिक गतिविधियों में गति तेज होने और मुद्रास्फीति के दबाव बढ़ने के बाद ही दरें बढ़ेंगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि ब्याज दरें अपने निचले स्तर पर आ चुकी हैं।

रोजगार देने वाले क्षेत्रों की पहचान करने की जरूरत
इस कार्यक्रम में केकी मिस्त्री ने कहा कि अब सरकार को सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए और उनके मुद्दों को प्राथमिकता के साथ हल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि के बाद सबसे ज्यादा रियल एस्टेट और अचल-सम्पत्ति के कारोबार में रोजगार के अवसर हैं। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर पर फोकस करने की जरूरत है।

इसके अलावा केकी मिस्त्री ने मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को भी मदद दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस सेक्टर में सबसे ज्यादा नौकरियां हैं, उस सेक्टर की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। उन्होंने कहा कि दिसंबर तिमाही के नतीजे बेहतर रह सकते हैं। इसके अलावा कोरोना संकट के बीच सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग के मोर्चे से भी अच्छी खबर आई है। PMI के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां साढ़े आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। आईएचएस मार्किट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में बढ़कर 56.8 पर पहुंच गया. अगस्त में यह 52 पर था।

इससे पहले पिछले हफ्ते बिजली की खपत के आंकड़े सामने आए, जिसमें सितंबर महीने में बिजली की खपत में खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देश की कुल बिजली खपत सितंबर में 5.6 फीसदी बढ़कर 113.54 अरब यूनिट्स रही। इसके अलावा सितंबर में जीएसटी कलेक्शन में शानदार इजाफा हुआ है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर में माल और सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन 95480 करोड़ रुपये रहा।

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