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राजस्थान की पारंपरिक कला, संगीत और पहनावे को भी बढ़ावा देता है बीकानेर का ऊंट महोत्सव


बीकानेर । बीकानेर का ऊंट महोत्सव (Bikaner Camel Festival) राजस्थान (Rajasthan) की पारंपरिक कला (Traditional Art), संगीत और पहनावे (Music and Dress) को भी बढ़ावा देता है (Also Promotes) । इस समय बीकानेर में बीकानेर ऊंट महोत्सव की धूम मची है। राजस्थान पर्यटन निगम लि. के साथ स्थानीय प्रशासन ने इस उत्सव को यादगार बना दिया है। हर साल होने वाला यह उत्सव दिन ब दिन और भव्य होता जा रहा है। देश दुनिया से लोग यहां इस फेस्टिवल में शरीक होने आते हैं। बीकानेर में ऊंट फेस्टिवल पहली बार साल 2000 में आयोजित किया गया था।


यह फेस्टिवल जूनागढ़ किले से शुरू होकर मुख्य उत्सव स्थल डॉ. कर्णी सिंह स्टेडियम पर समाप्त होता है। यह फेस्टिवल राजस्थानी सांस्कृतिक समृद्धि, रेगिस्तान की सुंदरता और ऊंटों के महत्व को दुनिया के सामने रखता है। इस फेस्टिवल का केंद्र ऊंट होते है इसलिए उनसे जुड़े कई आयोजन होते है, जैसे ऊंट दौड़, जहां सभी उम्र एवं नस्लों के ऊँट दौड़ में प्रतिस्पर्धा करते हैं, विजेताओं को पुरस्कार दिए जाते हैं।

ऊंट सदियों से राजस्थान की संस्कृति और लोगों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग रहे हैं। बीकानेर में एक ऊँट अनुसंधान और प्रजनन केंद्र है, जो एशिया में अपनी तरह का एकमात्र केंद्र है, जो ऊँट मालिकों को सहायता प्रदान करता है और ऊंटो की लुप्त हो रही प्रजातियों को सहेज कर रखता है।

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