उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

यात्रियों का बोझ उठाने वाले कुलियों के सामने रोजी रोटी का संकट

  • एक समय था जब उज्जैन रेलवे स्टेशन पर 40 कुली थे, अब 17 ही बचे हैं
  • कुलियों ने कहा बीमा और रेल पास की नहीं.. हमें तो काम की जरूरत हैं

उज्जैन। लाल शर्ट और बाजू पर पीतल के बिल्ले के साथ स्टेशन पर ट्रेन के आते ही प्लेटफार्म पर दौड़ते और कंधे पर दूसरों का बोझ उठाने वाले कुलियों को अब काम नहीं मिल रहा है। इसके चलते उनके सामने खाने का संकट पैदा हो गया है। एक समय था जब उज्जैन रेलवे स्टेशन पर 40 कुली काम करते थे, लेकिन अब 17 ही बचे हैं। वक्त के साथ-साथ इस पेशे से जुड़े लोगों में कमी आई है और यह कमी काम की कमी के चलते देखी जा रही है। सर्व धर्म एकता समिति के अध्यक्ष और 66 सालों से उज्जैन रेलवे स्टेशन पर कुली का काम कर रहे 86 वर्षीय शफी बाबा ने बताया कि कुलियों की जिंदगी, 1983 की अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘कुलीÓ की याद दिलाती है। इस फिल्म ने पहली बार यात्रियों का बोझ उठाने वाले कुलियों के संघर्ष को सबके सामने रखा, लेकिन इतने साल बाद भी कुलियों की जिंदगी नहीं बदली और विकास के बदलते परिवेश ने तो हमें रोजी रोटी के लिए मोहताज कर दिया है। अग्रिबाण से चर्चा करते हुए स्टेशन पर मौजूद एक अन्य कुली ने बताया कि कितनी बार ऐसा होता है कि यात्री के पास पैसे नहीं होते, हम फिर भी उनका सामान उठाकर मदद करते हैं। हमें भी यात्रियों का दर्द समझ आता है, बस हमारा दर्द किसी को समझ नहीं आता।


पहले ट्राली बैग और अब स्टेशन पर लिफ्ट व ऐस्कलेटर ने चौपट कर दिया काम धंधा
उज्जैन कुली एसोसिएशन के अध्यक्ष शफी बाबा ने बताया कि उज्जैन रेलवे स्टेशन पर एक समय 40 से अधिक कुली होते थे लेकिन अब इनकी संख्या आधे से भी कम रह गई है। शफी बताते है कि अब लोग ज़्यादातर ट्रॉली वाले बैग लेकर यात्रा करते हैं। इससे उन्हें अगर बहुत ज्यादा सामान न हो तो कुली करने की जरूरत नहीं पड़ती। ऐस्केलेटर सीढिय़ाँ लगने से पैसेंजर को तो सुविधा हो गई, पर कुली का काम कम हो गया। इससे हमारी कमाई पर असर पड़ा है जिसकी शिकायत हम कई बार रेलवे बोर्ड में कर चुके हैं पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। रेलवे कुलियों की कई माँगें हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें प्रमोशन देकर ग्रुप डी में नौकरी, पेंशन की सुविधा, आवास की व्यवस्था और मुफ्त इलाज की सुविधा मिले।

शिवराज सरकार कुलियों को कोई प्रोत्साहन नहीं दे रही है
शफी बाबा ने बताया कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे तब उन्होंने कुलियों को रेलवे में नौकरी देने की शुरुआत की थी लेकिन उसे शिवराज सरकार ने बंद कर दिया है। पूर्व रेल मंत्री ने रेलवे विभाग में नौकरी देने एवं कुलियों को 60 साल के बाद पेंशन देना जैसी प्रमुख घोषणाएँ की थी लेकिन वर्तमान सरकार के आने के बाद इन दोनों योजनाओं को बंद कर दिया गया। ऐसे में कुलियों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा हैं और उनका भविष्य असुरक्षित हैं।

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