इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

2849 कैदियों के बीच पहुंची पहली महिला सेंट्रल जेल अधीक्षक

 

  • खाने की गुणवत्ता सुधारने, भ्रष्टाचार पर अंकुश के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने का संकल्प लिया

इंदौर। सेंट्रल जेल (Central Jail) की नवागत जेल अधीक्षक अलका सोनकर (Alka Sonkar) ने कैदियों के स्वास्थ्य (Health) और उनके खाने की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ ही जेल (Jail)  में भ्रष्टाचार (Corruption) को समाप्त करने का संकल्प लिया है। लगभग ढाई हजार से अधिक कैदी जेल में बंद है। एक मुलाकात के दौरान जेल अधीक्षक ने स्पष्ट कहा कि भ्रष्टाचार (Corruption) किसी भी सूरत (Surat)  में पनपने नहीं दिया जाएगा।
जेल में मां के साथ सजा काट रहे बच्चों के लिए जल्द ही प्ले स्कूल (School) खोला जा रहा है, ताकि उनको शिक्षा प्रदान की जा सके। वहीं दूसरी ओर कैदियों को तनाव से मुक्त रखने के लिए जेल में म्यूजिकथैरेपी की शुरुआत की गई है। सेंट्रल जेल की नवागत अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि सेंट्रल जेल में इस समय विभिन्न अपराधों में 55 महिलाएं सजा काट रही हैं, जिनके साथ 9 बच्चे भी हैं, जो 1 से 5 वर्ष की उम्र के हैं। इन्हें शिक्षा प्रदान करने के लिए शीघ्र ही प्ले स्कूल खोला जा रहा है।


निरपराध सजा काट रहे इन बच्चों को जेल में शिक्षा (Study) देने के साथ-साथ उनका मानसिक विकास भी हो इसके लिए ध्यान दिया जाएगा। जेल में उज्जैन भैरवगढ़ (Ujjain Bhairavgarh)  जेल की तर्ज पर म्यूजिकथैरेपी (music therapy)  की शुरुआत भी की गई है। यही नहीं, जेल प्रशासन कैदियों के मनोरंजन के लिए खुद का रेडियो स्टेशन भी शुरू करने जा रहा है, जहां कैदी अपनी फरमाइश के गीत सुन सकेंगे। इसके लिए ऐसे प्रतिभाशाली बंदियो को रेडियो जॉकी बनाया जाएगा। यहां कैदी अपनी फरमाइश के गीत सुन सकेंगे। इसके लिए सभी बैरकों में स्पीकर लगाए जाएंगे और एक रेडियो केंद्र होगा, जहां से सीधा प्रसारण किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सेंट्रल जेल में अनुशासन को बनाए रखने के लिए हरंसभव प्रयास किए जाएंगे। पदभार ग्रहण करने के बाद बैरकों को उन्होंने दौरा किया और बाद में बंदियों से मुलाकात की। उनका कहना था कि वे यहां जेल अधिकारी नहीं बल्कि उनकी बहन के रूप में आई है। जेल में रहकर वे अनुशासन में रहे और पूर्व में किए गए गुनाह को भूलकर एक अच्छा जीवन जीने का संस्कार यहां से लें और जब वे बाहर जाएं तो समाज में एक अच्छा संदेश दे। देवी मां को आराध्य मानने वाली अलका सोनकर जहां भी उनकी पदस्थापना होती है, वे वहां पर माताजी की तस्वीर साथ मेें ले जाती है। भैरवगढ़ जेल से वह इन्दौर आई, तब भी वह सबसे पहले माताजी की तस्वीर को साथ लाई।

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