- लाखों रुपए खर्च करके रूद्र सागर की जलकुंभी हटा दी
- नगर निगम के पास मशीन फिर भी काम नहीं हो रहा
उज्जैन। मंगलनाथ मंदिर क्षेत्र में शिप्रा नदी जलकुंभी से पटी पड़ी है और इसे साफ करने के नगर निगम तैयार नहीं है। गत दिनों राष्ट्रपति का दौरा हुआ था और जहाँ-जहाँ वे गए, उक्त सभी स्थानों को चौबंद कर दिया गया, यदि वे मंगलनाथ भी जाते तो शिप्रा से जलकुंभी साफ हो जाती है लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। मंगलनाथ के पुराने पुल से लेकर नये पुल तक नदी का पानी पूरी तरह से जलकुंभी से ढंका हुआ नजर आता है। ऐसा लगता है जैसे यह हरा मैदान हो। कहने को नगर निगम में जलकुंभी हटाने की मशीन लाखों रुपए खर्च करके लाई गई थी लेकिन इस मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है और यह मशीन किस हाल में पड़ी है यह बताने वाला भी कोई नहीं है। जो श्रद्धालु मंगलनाथ मंदिर आते हैं और नदी देखते हैं तो कहते हैं यहाँ जलकुंभी क्यों नहीं हटी।
लोगों में चर्चा है कि यदि राष्ट्रपति मंगलनाथ मंदिर आते तो शिप्रा नदी की जलकुंभी का भी उद्धार हो जाता लेकिन राष्ट्रपति धंवन्तरि कॉलेज और मंगलनाथ नहीं आए। इस के चक्कर में इस क्षेत्र का समुचित विकास और काम नहीं हो पाया। उल्लेखनीय है कि हर साल नगर निगम बारिश के एक सप्ताह पहले शिप्रा नदी से जलकुंभी हटाने का अभियान चलाती है जबकि बारिश में शिप्रा में बाढ़ आने की स्थिति में जलकुंभी स्वत: ही बहकर निकल जाती है और इस वर्ष भी वही होगा। आने वाले एक या दो सप्ताह में बारिश शुरू हो जाएगी और नदी में पानी बढ़ते ही जलकुंभी से उसे मुक्ति मिल जाएगी और दिखावे के लिए नगर निगम एक-दो दिन का अभियान चलाएगी। Share: