- कम नहीं हो रही सड़क दुर्घटनाएं-आगर रोड और देवास रोड पर काम चलना भी एक कारण
- 102 लोगों की जान 30 मई तक जा चुकी-755 दुर्घटना के शिकार लोग हुए घायल
उज्जैन। पिछले साल की तरह इस साल भी सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ घट नहीं रहा। स्थिति यह रही कि जिले की सीमा में साल के शुरुआती 150 दिनों में 645 सड़क हादसे हो गए जिसमें 102 लोग इस साल मई अंत तक काल के गाल के समा गए हैं। उज्जैन शहर के साथ-साथ जिले में रोज सड़क हादसे हो रहे हैं। पिछले एक महीने में ही शहरी क्षेत्र में अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है। इतना ही नहीं जिले में पिछले 5 महीनों में 755 लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल भी हुए हैं परंतु इसके पहले पिछले साल 1 जनवरी से लेकर 31 अक्टूबर के बीच जिले की सीमा में 1229 एक्सीडेंट की घटनाएँ हुई है। सड़क दुर्घटनाओं के यह मामले शहरी और देहात क्षेत्र के करीब-करीब सभी थानों के रिकार्ड में दर्ज हुए हैं। पुलिस के मुताबिक सड़क दुर्घटनाएँ रोकने के लिए संबंधित विभागों के साथ मिलकर पुलिस लगातार काम कर रही है। सभी का प्रयास है कि सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादा से ज्यादा कमी हो। इसके लिए समय-समय पर पुलिस विभाग द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।
सड़क सुरक्षा सप्ताह और पखवाड़ा जैसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान माल का नुकसान कम हो इसके लिए भी समय-समय पर जागरूकता अभियान के साथ-साथ लोगों को हेलमेट पहनने, सड़कों पर वाहनों की रफ्तार सीमित रखने, ट्राफिक चौराहों पर सिग्नल का विधिवत पालन करने जैसे प्रयास पूरे साल चलते हैं। हाल ही में पिछले दिनों यातायात व्यवस्था में सहयोग करने वाले नागरिकों और वाहन चालकों का पुलिस द्वारा अभिनंदन भी किया गया था और बेहतर नियम पालन करने वालों को हेलमेट देकर सम्मानित भी किया गया था। साल 2021 में 1 जनवरी से लेकर 31 अक्टूबर तक की अवधि में जिले में 1229 सड़क दुर्घटनाएँ हुई है। इसमें 219 लोगों की दु:खद मौत भी हुई थी। इसके अलावा इन दुर्घटनाओं में 1207 लोग घायल हुए थे। सूचना मिलते ही 108 एम्बुलेंस सेवा और पुलिस वाहनों के जरिये घायलों को तत्काल उपचार के लिए नजदीक के अस्पतालों में भेजा गया तथा उनकी जान बचाई गई थी। पुलिस का प्रयास यह है कि जिले में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से नीचे लाया जा सके। यह तभी संभव हो पाएगा जब लोग भी ट्राफिक नियमों का पालन करें और मार्गों पर लगे यातायात संकेतों को समझे और उसी के अनुरूप वाहन चलाएं। इससे उनकी भी सुरक्षा होगी और सामने वाले की भी।
5 महीने में ही मरने वालों का शतक
इधर इस साल 1 जनवरी से लेकर 30 मई तक करीब 150 दिन की अवधि में जिले की सीमा में 645 सड़क दुर्घटनाएँ हो चुकी है। पुलिस के मुताबिक इन दुर्घटनाओं में 102 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि 755 लोग गंभीर घायल हुए जिन्हें दुर्घटना के बाद उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया। स्थिति यह है कि पिछले साल पूरे वर्ष में लगभग 225 लोगों की जान गई थी, वहीं इस बार 5 महीने में ही मरने वालों का आंकड़ा सैकड़ा पार कर गया है।
चिन्हित स्पॉटों पर अभी भी सुधार की दरकार
इधर उज्जैन जिले में एमपीआरडीसी के अधिकारी साल 2014 से लेकर 2017 तक हुई सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर 380 स्थानों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर चुके हैं। यह स्थान ऐसे हैं जहाँ अंधे मोड़ हैं। आगर रोड, इंदौर रोड, देवास रोड हो या फिर उज्जैन बडऩगर या उज्जैन नागदा मार्ग कई जगह साल में सड़क दुर्घटनाएँ ज्यादातर इन्हीं ब्लैक स्पॉटों पर होती है। मक्सी रोड पर भी पिछले साल ऐसे स्थान चिन्हित किए गए थे जहाँ हादसों के बाद खतरनाक स्थान चिन्हित किए गए थे। पुलिस विभाग अपने स्तर पर इनकी जाँच भी कर चुका है। मार्गों के सुधार के लिए संबंधित विभागों को अपनी रिपोर्ट भी भेज चुका है फिर भी सुधार नहीं हुए हैं।