उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

समर्थन मूल्य भी कम और बाजार में भी 500 रुपए क्विंटल कम में बिक रहा है गेहूँ

  • किसान नेतागिरी में फँसे-नमी होने के कारण भाव में हुई कमी-मंडी में गेहूँ की आवक भी घटी
  • समर्थन मूल्य पर खरीदी कल से होगी शुरू

उज्जैन। मौसम के लगातार बदलते मिजाज ने किसानों को मुसीबत में ला खड़ा किया है। गेहूं, चना, आलू, प्याज, लहसुन की फसल खेत-खलिहान में है और बेमौसम बारिश मुसीबत बनी हुई है, वहीं सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी कल से शुरू होगी। मंडी की बात करें तो डेढ़ से 2 महीने में गेहूं के दाम में 500 रु. प्रति क्विंटल से ज्यादा गिरावट ने किसानों के सामने दोहरी मुसीबत खड़ी कर दी है। इधर, मौसम के अभी भी साफ होने के आसार नजर नहीं आ रहे। जुलाई 2022 से जनवरी 2023 तक गेहूं के दाम लगातार बढ़ोतरी की ओर थे, जो 2500- 2600 रुपए प्रति क्विंटल के करीब चल रहे थे। केंद्र सरकार ने जनवरी 2023 में खुले बाजार में 50 लाख टन गेहूं बेचने के ऐलान के साथ ही मंडियों में गेहूं के दाम मन्दी का रुख करने लगे और वर्तमान में मंडियों में गेहूं 1800 से 2000 रुपए प्रति क्ंिवटल चल रहे हैं। औसत गेहूं के मूल्य की बात करें तो 2000 रुपए प्रति क्ंिवटल भी किसानों को गेहूं बेचना मुश्किल हो रहा है। किसानों का दर्द यह है कि असमय बारिश ने गेहूं, चना, आलू, प्याज आदि की फसल बर्बाद हो रही है ओलावृष्टि से भी क्षति पहुंच रही है। उज्जैन जिले में तकरीबन 20 हजार हेक्टेयर जमीन पर कृषि की जाती है। इसमें से 10000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर गेहूं की फसल किसानों द्वारा लगाई गई, जिसमें से 40 फीसदी फसल ही किसान मार्च के दूसरे सप्ताह तक निकाल पाए थे। इसके बाद बारिश और ओलावृष्टि में 60 फीसदी फसल खेतों और खलिहान में रखी हुई है, जो कि बारिश में प्रभावित हुई है। किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं।


समर्थन मूल्य पर खरीदी में देरी
किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य में सरकार की खरीदी लेटलतीफी के साथ शुरू होती है, जिसके कारण कृषि उपज मंडी में व्यापारी मनमर्जी के दामों पर उपज की खरीदी-बिक्री होती है। यहां पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता, जिसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ता है। इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं 2125 रुपए प्रति क्विंटल दाम तय किए गए हैं, जबकि कृषि मंडियों में 1800 से 200 रु. खरीदी चल रही है। नया गेहूं फरवरी में शुरू हो गया था और मार्च की शुरुआत से ही भरपूर आवक हो रही है।

नमी के कारण भाव में कमी
चिमनगंज अनाज मंडी में तकरीबन 20 से 25 हजार क्विंटल गेहूं की आवक रोजाना हो रही है। बारिश के चलते गेहूं में नमी 15 फीसदी से ज्यादा आ रही है। इसके कारण गेहूं के दाम किसानों को कम लग रहे हैं। मंडी में 1800 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं की खरीदी क्वालिटी अनुसार चल रही है।

यहां असमंजस भी… फसल बीमा और मुआवजा
किसानों में फसल नुकसानी को लेकर यह भी असमंजस है कि सरकार की ओर से की गई घोषणा राहत राशि अलग रहेगी और फसल बीमा की नुकसानी अलग से मिलेगी। इसको लेकर संशय बना हुआ है। किसानों का कहना है कि फसल नुकसानी और फसल बीमा राशि के बारे में सरकार की ओर से स्पष्टीकरण होना चाहिए।

यह कहना है किसानों का

समर्थन मूल्य को बढ़ाएं, 500 रुपए अतिरिक्त बोनस की मांग
सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए 25 मार्च की तारीख निश्चित की गई है। यह देरी से खरीदी शुरू होने के चलते किसानों को अपनी दैनिक आवश्यकता पूर्ति के लिए गेहूं व अन्य फसलें बाजार या मंडियों में बेचना पड़ रही है, जिसके कारण सही दाम नहीं मिल रहे। सरकार को गेहूं पर 500 प्रति क्विंटल अतिरिक्त बोनस देना चाहिए, ताकि लागत निकल सके। फिलहाल जो समर्थन मूल्य 2125 रुपए है, वह कम है।
भारतीय किसान संघ

मुआवजे की घोषणा पर जल्द अमल हो
प्रदेश सरकार की ओर से फसलों में नुकसान के लिए सर्वे कराया जा रहा है। 32000 रुपए एकड़ मुआवजा बहुत कम है। इसे बढ़ाने की जरूरत है और जो सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा की गई है, उसे तुरंत अमल में लाया जाए। कई बार पात्र किसानों को मुआवजा समय पर नहीं मिला है या घोषणा से कम मिलता है।

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