- नेताओं से आश्वासन ले लेकर हम तो हार गए
- सीएम ने बुलाया भोपाल तो श्रमिकों ने कहा पहले भी बुला चुके हैं
उज्जैन। मुख्यमंत्री ने तीन दिन पूर्व धरना दे रहे श्रमिकों से कहा था कि तुम भोपाल आओ वहाँ बात करता हूँ.. इसके बाद मजदूरों ने कहा कि मुख्यमंत्री की बात पर हमें भरोसा नहीं और जब तक हमें पैसा नहीं मिल जाता हम धरना जारी रखेंगे। कई सालों से हमें सत्ताधारी नेता आश्वासन दे रहे हैं। बिनोद बिमल मिल के मजदूर पिछले करीब 32 सालों से अपनी बकाया राशि के भुगतान के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और हर बार उन्हें आश्वासन ही मिला है। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को निर्देश दे दिए हैं कि मिल की संपत्ति बेचकर मजदूरों की बकाया राशि का भुगतान किया जाए लेकिन इसके बावजूद भी सरकार मजदूरों के हक का पैसा देने को तैयार नहीं है। 6 माह पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक और आदेश देकर सरकार को सख्त निर्देश दिए थे कि 10 प्रतिशत राशि जमा करने के साथ ही बाकी राशि जमीन बेचकर अदा की जाए लेकिल अब तक भी सरकार कोर्ट के आदेशों का पालन करने में आनाकानी कर रही है और कोर्ट द्वारा तय तारीख बीतने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ जिस पर मजदूरों ने फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पिछले एक सप्ताह से नगर निगम के गेट पर बिनोद मिल्स संयुक्त मोर्चा द्वारा धरना दिया जा रहा है। इस बीच महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री उज्जैन आए थे, तब श्रमिकों के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से जल्द भुगतान करने के लिए कहा था। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें जल्द भोपाल बुलाने का आश्वासन दिया था। सीएम के आश्वासन के बावजूद मजदूरों का धरना जारी है। संयुक्त मोर्चा से जुड़े मजदूर नेता प्रद्योतकुमार चंदेल ने बताया कि मुख्यमंत्री इससे पहले भी दर्जनों बार आश्वासन दे चुके हैं और भोपाल बुलाकर हमसे बात भी की लेकिन उन्होंने भुगतान आज तक नहीं करवाया। इस बार शिवरात्रि पर हमने नाती-पोतों के साथ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया तो मुख्यमंत्री ने हमारे चार प्रतिनिधियों को बुलाकर भोपाल आने को कहा है लेकिन हमें मुख्यमंत्री की बात पर विश्वास नहीं है और जब तक हमारे बकाया का भुगतान नहीं होता और राशि खातों तक नहीं पहुँच जाती तब तक धरना जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि मजदूरों की बकाया राशि ब्याज सहित बढ़कर 100 करोड़ पर पहुँच गई है लेकिन सरकार केवल आश्वासन ही दे रही है और इस अवधि में आधे से ज्यादा मजदूर स्वर्ग को सिधार चुके हैं।
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